मोहद्दीपुर गोली कांड: गलतफहमी में मारी थी गोली, घायल का घटना से कोई संबंध नहीं था

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गोरखपुर। मोहद्दीपुर में बीते सोमवार को बीच सड़क पर फिल्मी स्टाइल में हुई फायरिंग के जांच में नया मोड़ा सामने आया है।

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जांच में पता चला है की रामगढ़ ताल इलाके के भगत चौराहा निवासी प्रॉपर्टी डीलर जितेंद्र यादव को गलतफहमी में गोली मारी गई थी।

पुलिस ने इस मामले में दरोगा के बेटे सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में दबिश जारी है।

पकड़े गए आरोपितों की पहचान कूड़ाघाट आवास विकास कॉलोनी निवासी अविनाश सिंह, उसका साथी शुभम राव, सुमित चंदेल और दूसरे पक्ष के प्रिंस शाही (दरोगा केएन शाही का पुत्र) और प्रज्ज्वल सिंह के रूप में हुई है।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि दो गुटों के बीच चल रही वर्चस्व की जंग में एक गुट ने प्रणव राय को गलतफहमी में विरोधी पक्ष का समझ लिया था, जबकि उसका किसी गुट से लेना-देना नहीं था।

सोमवार को दो गुटों में विवाद के दौरान संयोगवश प्रणव अपने मित्र जितेंद्र यादव के साथ उधर से गुजर रहा था कि हमलावरों की नजर उसपर पड़ गई। फिर दौड़ाकर उन्होंने जितेंद्र यादव को गोली मार दी।

सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने घटना का पर्दाफाश करते हुए बताया कि अविनाश सिंह और मोतीराम अड्डा निवासी शुभम सिंह सिंघाड़ा के बीच वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा है। 20 सितंबर की सुबह पॉशा रेस्त्रां में अविनाश सिंह और सुमित चंदेल मौजूद थे।

इसी दौरान देवरिया के बरहज निवासी शुभम सिंह और प्रज्ज्वल सिंह साथियों के साथ पहुंच गए। अविनाश पक्ष की इन लोगों ने पिटाई कर दी थी।

मामला पुलिस चौकी पहुंचा था, जहां सुलह-समझौता के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। उस समय वहां पर रामगढ़ताल इलाके का निवासी प्रणव राय भी मौजूद था, जिसे शुभम पक्ष ने अविनाश का साथी समझ लिया।

प्रणव की तहरीर पर दो अलग-अलग केस दर्ज
सीओ ने बताया कि उसी रात प्रणव राय चंपारन रेस्त्रां में खाना खाने के लिए गया था।

इसकी जानकारी होने पर शुभम सिंह सिंघाड़ा पक्ष के लोग पहुंच गए और उसकी पिटाई कर दी, जिस मामले में पुलिस ने एनसीआर दर्ज की थी।

अगले दिन सोमवार को शुभम सिंह सिंघाड़ा को पता चला कि अविनाश इस समय कूड़ाघाट की ओर से आ रहा है।

इसके बाद शुभम अपने साथियों के साथ इंजीनियरिंग कॉलेज के पास पहुंच गया और वहीं पर कार से आ रहे अविनाश, सुमित चंदेल और शुभम राव को घेरकर हमला कर दिया।

बचने के लिए अविनाश कार इधर-उधर चलाने लगा। इसी बीच प्रणव राय अपने मित्र जितेंद्र यादव के साथ तरकुलहा देवी मंदिर से लौट रहा था।

मारपीट होती देख उसने बाइक की रफ्तार बढ़ा ली। शुभम पक्ष के लोगों ने उसे अविनाश पक्ष का समझकर पीछा शुरू कर दिया। मोहद्दीपुर में दोनों को रोककर मारपीट की और फिर जितेंद्र को गोली मार दिया।

पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किया है। पहला रेस्त्रां में मारपीट मामले में दर्ज एनसीआर को एफआईआर में तब्दील किया गया है।

दूसरा सोमवार को जितेंद्र यादव को गोली मारने के मामले में केस दर्ज किया गया है।

तहरीर के आधार पर पुलिस ने मारपीट, हत्या की कोशिश और दूसरे केस में हत्या की कोशिश, मारपीट, धमकी और 7सीएलए की धाराओं में केस दर्ज किया है।