नदी में समाए कई घर, जंगल कौड़िया का ये गांव अब खत्म होने वाला है

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गोरखपुर। जंगल कौड़िया ब्लाक के बढ़या कोठा बंधे के समीप स्थित राजपूर दुबी ग्राम वासी राप्ती नदी की कटान से दहशत में हैं। गांव वालों ने बताया कि राजपुर दूरी में लगभग 200 से अधिक घर थे लेकिन हर वर्ष नदी की कटान में धर गिरते गए अब सिर्फ 20 से 25 मकान बचे हुए हैं।

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एक तरफ राप्ती नदी जोरों पर कटान कर रही है लेकिन बाढ़ खंड विभाग एवं संबंधित विभागों के जिम्मेदार गायब हैं। गांव वाले अब भगवान के भरोसे हैं। गांव वालों का आरोप है कि अगर सम्बन्धित अधिकारीयों ने गांव को बचाने के लिये समय से नदी के कटान को रोकने के लिए इंतजाम किया होता तो राजपुर दूबी गांव का अस्तित्व इस तरह खत्म न हो रहा होता। अब देखना है कि बचे हुए धरो को बचाने के लिए सम्बन्धित विभागों के अधिकारी कोई व्यवस्था करते हैं कि भगवान भरोसे ग्रामीण को छोड़ देते हैं।

तीन दिनों के अंदर गांव के मृदुनाथ पांडेय, रमेश ओझा, जय प्रकाश पांडेय, शत्रुघ्न गौड़, श्रवण गौड, रामदेव ओझा के घर और गांव के बीच मे स्थित मंदिर राप्ती नदी में समा गए हैं।

वैसे घरों के नदी में गिरने की जानकारी मिलने पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल और सदर तहसीलदार डॉक्टर संजीव दिक्षित मौके पर मुआयना करने पहुंचे थे। उन्होंने गांव वालों को आश्वासन दिया कि कि उच्च अधिकारियों से बात कर आप लोगों की समस्या का हल निकाला जाएगा।