बरेली। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल से अनुमोदन के लिए बुधवार को राजभवन भेजा गया था।
Advertisement
कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल के पास भेजा गया था।
जिसपर का राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। यह अध्यादेश के रूप में यूपी में लागू हो गया है।
अब इस अध्यादेश को छह माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास कराना होगा।
कानून लागू होने के तुरंत बाद ही बरेली (Bareilly) के देवरनियां थाने में शनिवार देर शाम विवाह के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने की FIR दर्ज की गई है।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी के गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
बताया गया कि देवरनिया के एक गांव निवासी व्यक्ति ने रिपोर्ट लिखाई है कि उनकी बेटी से पढ़ाई के दौरान गांव के ही निवासी उवैस अहमद ने दोस्ती कर ली। अब वह बेटी पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा है।
उन्होंने कई बार उवैस को समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माना। प्रभारी एसएसपी डॉ. संसार सिंह ने बताया कि यूपी सरकार ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू किया है।
शनिवार रात देवरनिया थाने में इसी कानून के तहत उवैस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि योगी सरकार ने झूठ बोलकर, झांसा देकर या छल-प्रपंच कर धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए अध्यादेश लाया है।
इसके लागू होने के बाद झांसा देकर, झूठ बोलकर या छल-प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने-कराने वालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आएगी।
अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म बदला गया तो ऐसी शादी न केवल अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।