उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों से नाराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को प्रदेश में कम्पलीट लॉकडाउन (Complete Lockdown) लगाने का सुझाव दिया है।
कोर्ट ने कहा कि कम्पलीट लॉकडाउन के बिना राज्य में कोविड-19 के संक्रमण को रोकना संभव नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि अगर प्रदेश मे 15 दिनों का संपूर्ण लॉकडाउन लगता है तो उससे कोई व्यक्ति भूखा नहीं मर जाएगा, लेकिन कोरोना से रोज लोग मर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि ब्रेड बटर खरीदने के लिए घर से बाहर निकलने से ज्यादा जरूरी जीवन बचाना है। लोगों को यह समझना होगा कि उन्हें इनमें से क्या चुनना है।
कोर्ट ने कोरोना को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर सख्त टिप्पणी की और कहा कि इस महामारी को रोकने के लिए न तो सरकारी अमला सख्ती दिखा रहा है औ न ह लोग मान रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि राज्य में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए Complete Lockdown की जरूरत है। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद UP में दोबारा लॉकडाउन लगने की संभावना बढ़ गई है।
कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर सरकार फैसला नहीं लेती है तो इस संबंध में कोर्ट आदेश जारी करेगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेट्ररी से 28 अगस्त को हलफनामा पेश करने का आदेश दिया।
इन शहरों को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी
यूपी के बड़े शहरों में कोरोना की रोकथाम को लेकर अपनाए जा रहे लचर रवैये से इलाहाबाद हाईकोर्ट सबसे ज्यादा नाराज दिखा।
इस शहरों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, गोरखपुर और झांसी शामिल हैं। हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से ये दलील दी गई है कि कोरोना के मामलों में उत्तर प्रदेश की स्थिति देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है, ऐसे में लॉकडाउन लगाने जैसे हालात नहीं हैं।
यूपी में लॉकडाउन की जरूरत नहीं: राज्य सरकार
यूपी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, आबादी के हिसाब से सूबे के हालात काफी बेहतर हैं।
देश में सबसे कम मृत्यु दर यूपी में है। ऐसे में यहां लॉकडाउन की कोई जरूरत महसूस नहीं हो रही है।
लेकिन, हाईकोर्ट के सुझाव को सीधे तौर पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार वक्त रहते इस पर विचार करेगी और उचित फैसला लेगी।