क्यों अलग हुईं योगी और उनके सिपाही लक्ष्मण की राहें?

453

हिन्दू युवा वाहिनी (भारत) के कलम से….

Advertisement

20 सालो तक एक साथ हिन्दुत्व के मिशन पर एक साथ कार्य करते हुए आज वर्तमान समय मे गुरू शिष्य की परम्परा पर उस समय विराम लग गया जब हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सुनील सिह ने (2017) के चुनाव मे अपने कुछ पदाधिकारियो को भारतीय जनता पार्टी से विधान सभा मे टिकट दिलाने मे सुनील सिंह को योगी जी के द्वारा असफलता हाथ लगी। लेकिन सुनील ने मन बना लिया था कि पदाधिकारी चुनाव लडेगे। उसी तरह जैसे (2002 और 2013) मे शिव प्रताप जी वर्तमान में (वित्त मंत्री भारत सरकार) के ख़िलाफ़ हिंदू महासभा से राधा मोहन दास अग्रवाल जी वर्तमान में (BJP बिधायक ) और (2013) में राणा सिह जी देवरिया हिन्दू युवा वाहिनी के बैनर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सूर्य प्रताप शाही के खिलाफ चुनाव लडे थे। बासगाव से प्रदेश महामत्री राम लक्ष्मण जी चुनाव लडे थे । उस समय भी योगी जी ने अपने हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियो के लिये भाजपा से टिकट मागा था पर असफल हुए थे टिकट दिलाने मे।

सब्र का बाध एक न एक दिन टूटता है। योगी जी ने सुनील सिह से किनारा कर लिया और हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से निष्कासन की घोषणा खुद (2017) के चुनाव के ठीक पहले कर दिया। चुनाव बीता भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार मे योगी जी को उत्तर प्रदेश का मुखिया बनाया गया। (एक बात याद दिलाना चाहता हू ) कि हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने एक मिशन चुनाव के पहले तमाम जिलो मे चलाया था (next cm yogi) या योगी नही तो वोट नही. बडे लोग कहते है कि जब आपकी पद प्रतिष्ठा बढ जाय तो दिल बड़ा कर लेना चाहिए। शायद यही कारण भी रहा लोग नये स्वरूप मे दिलो मे जगह नही बना सके। ऐसा नही की सुनील सिह व और लोगो कोशिश मे कोई कमी की।

मुख्यमत्री बनने के बाद मन्दिर पर सुनील सिह का आना जाना लगा रहा। 14 महीने बीतने के बाद सुनील सिह ने फिर से अपना कद बढाने का प्रयास किया । और नये तेवर के साथ नये सगठन हिन्दू युवा वाहिनी (भारत) का निर्माण कर पूरे भारत को कार्य क्षेत्र बनाने निर्णय लिया। गठन और विस्तार की प्रक्रिया मे सुनील सिह लग गये। उनकी मशा अब राजनीति मे नयी पहचान बनाने की थी। लेकिन उनके गृह जनपद गोरखपुर मे पुराने व नये सगठन के पदाधिकारी आपस मे भिड गये। फिर शुरू हुआ वह कारनामा जैसे इसका पटकथा पहले से ही लिखी जा चुकी हो । 2 घण्टे के भीतर ही 5 FIR एक के बाद एक गोरखपुर पुलिस ने सुनील सिंह के गिरफ्तारी के बाद दर्ज किये।