20 सालो तक एक साथ हिन्दुत्व के मिशन पर एक साथ कार्य करते हुए आज वर्तमान समय मे गुरू शिष्य की परम्परा पर उस समय विराम लग गया जब हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सुनील सिह ने (2017) के चुनाव मे अपने कुछ पदाधिकारियो को भारतीय जनता पार्टी से विधान सभा मे टिकट दिलाने मे सुनील सिंह को योगी जी के द्वारा असफलता हाथ लगी। लेकिन सुनील ने मन बना लिया था कि पदाधिकारी चुनाव लडेगे। उसी तरह जैसे (2002 और 2013) मे शिव प्रताप जी वर्तमान में (वित्त मंत्री भारत सरकार) के ख़िलाफ़ हिंदू महासभा से राधा मोहन दास अग्रवाल जी वर्तमान में (BJP बिधायक ) और (2013) में राणा सिह जी देवरिया हिन्दू युवा वाहिनी के बैनर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सूर्य प्रताप शाही के खिलाफ चुनाव लडे थे। बासगाव से प्रदेश महामत्री राम लक्ष्मण जी चुनाव लडे थे । उस समय भी योगी जी ने अपने हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियो के लिये भाजपा से टिकट मागा था पर असफल हुए थे टिकट दिलाने मे।
सब्र का बाध एक न एक दिन टूटता है। योगी जी ने सुनील सिह से किनारा कर लिया और हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से निष्कासन की घोषणा खुद (2017) के चुनाव के ठीक पहले कर दिया। चुनाव बीता भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार मे योगी जी को उत्तर प्रदेश का मुखिया बनाया गया। (एक बात याद दिलाना चाहता हू ) कि हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने एक मिशन चुनाव के पहले तमाम जिलो मे चलाया था (next cm yogi) या योगी नही तो वोट नही. बडे लोग कहते है कि जब आपकी पद प्रतिष्ठा बढ जाय तो दिल बड़ा कर लेना चाहिए। शायद यही कारण भी रहा लोग नये स्वरूप मे दिलो मे जगह नही बना सके। ऐसा नही की सुनील सिह व और लोगो कोशिश मे कोई कमी की।
मुख्यमत्री बनने के बाद मन्दिर पर सुनील सिह का आना जाना लगा रहा। 14 महीने बीतने के बाद सुनील सिह ने फिर से अपना कद बढाने का प्रयास किया । और नये तेवर के साथ नये सगठन हिन्दू युवा वाहिनी (भारत) का निर्माण कर पूरे भारत को कार्य क्षेत्र बनाने निर्णय लिया। गठन और विस्तार की प्रक्रिया मे सुनील सिह लग गये। उनकी मशा अब राजनीति मे नयी पहचान बनाने की थी। लेकिन उनके गृह जनपद गोरखपुर मे पुराने व नये सगठन के पदाधिकारी आपस मे भिड गये। फिर शुरू हुआ वह कारनामा जैसे इसका पटकथा पहले से ही लिखी जा चुकी हो । 2 घण्टे के भीतर ही 5 FIR एक के बाद एक गोरखपुर पुलिस ने सुनील सिंह के गिरफ्तारी के बाद दर्ज किये।
यहा तक सगठन के पदाधिकारी ने सारे तथ्यो के अवलोकन के बाद माना कि चन्दन विश्वकर्मा से गलती हुई और उनके द्वारा गलत व्यवहार किया गया।
लेकिन इसके बाद गोरखपुर पुलिस का कारनामा देखिये दबाव मे हिन्दू युवा वाहिनी (भारत) राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह जिस गाड़ी से गए थे वह गाड़ी गिरफ्तारी के दिन थाने में खड़ी कर ली गई ।
बाद में नौसण थाने की पुलिस ने उस गाड़ी को थाने से (500) मीटर दूर रात में खड़ी करके उसके बाद उसकी बरामदगी करा कर उसमें देसी कट्टा व पेट्रोल बम की बारामदगी दिखाई । यह रचना इसलिए रची गई क्योंकि सुनील सिंह के ऊपर रासुका लगाया जाना था ।
बदले की भावना की इस कार्रवाई को देखते हुए पिछली सपा सरकार व वर्तमान में भाजपा सरकार में कोई अंतर नहीं रह गया ।
इस कार्रवाई के पीछे परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी का नाम लोगों के जुबानों पर गोरखपुर में चल रहा था ।
हमने ऊपर पहले ही चर्चा की कि जब व्यक्ति का कद बढ़ जाए तो उसे अपना दिल बड़ा कर लेना चाहिए यही कारण है कि सुनील सिंह 18 सालों तक हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और उन्होंने अपना पुरा जीवन अपने गुरु के समर्पण में कर दिया था और उन्ही के बताए रास्ते पर चल रहे थे और उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में उनके समर्थक आज भी मौजूद है जो कि इस कार्रवाई से भारतीय जनता पार्टी से कहीं ना कहीं नाराज है क्योंकि उनको लगता है कि सूबे के मुखिया से दबाव में कार्रवाई कराई गई है ।
लोग संबंधों को देखकर हैरान है कि 18 सालों तक विपरीत परिस्थितियों मे परछाई की तरह रहने वाले व्यक्ति के साथ जेल की निर्ममता भरी तन्हाई बैरक में अपार कठिनाई पार करनी पड़ रही है । क्या अच्छा समय आने पर योगी जी ऐसा कर सकते है।
मुझे मौका मिला तो कभी योगी जी से पूछुगा लेकिन मुझे को लगता है कि योगी जी के मुख्यमंत्री रहते हुए यह संभव नहीं है कि उनसे मिलना हो पाएगा ।