कृति मिश्रा नारी सशक्तिकरण की बनी मिशाल, महिलाओं के सपनों को कर रही साकार

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कृति रानी ने पिछड़े,दलित तबके के महिलाओं के सपनों को कर रहीं साकार-

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रिपोर्ट: सुनील गहलोत

उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है
नफ़स अम्बालवी की उक्त लाइनें
देवरिया की कृति रानी मिश्रा पर बेहद सटीक बैठती हैं।महिला शसक्तीकरण की मिसाल बनी कृति रानी सिलाई-कढ़ाई करती हैं साथ ही महिलाओं को स्वालम्बी बनाने के लिए जागरूक भी कर रही हैं।वर्तमान समय में कृति महिलाओं के उत्थान को लेकर गंभीर हैं ।और माइ हैण्ड क्रॉफ्ट टेक्सटाइल आधार उद्योग के जरिये महिलाओं व युवतियों को प्रशिक्षित कर रही हैं। जब भी इनके पास कोई अपनी समस्या लेकर आता है उसकी समस्या के निवारण के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।
गोरखपुर लाइव से बात-चीत में कृती जी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी पिछड़े व दलित तबके के महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं है।कुछ करने का जज्बा तो है लेकिन शिक्षा के अभाव में यह अपनी बात भी दूसरों के समक्ष रखने में हिचकिचाती हैं।ऐसी महिलाओं को ऊपर उठाना व रोजगार के सक्षम बनाना ही हमारा उद्देश्य है। ताकि वे समुचित तरीके से वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।

कृति रानी देवरिया के मझगांवा के गाँव सिंगही निवासी धर्म व्रत मिश्रा की पुत्री हैं।एक भाई और तीन बहनों में कृति रानी मिश्रा अपने माता-पिता की तीसरी संतान हैं।बचपन में जब आप ढाई साल की थीं। तब इनकी माता उर्मिला देवी का निधन हो गया। पिता की परवरिश व उनके मार्गदर्शन से उन्होंने हिंदी विषय से देवरिया के दीनानाथ पाण्डेय राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की है साथ ही प्रधान मंत्री कौशल विकास विकास योजना के तहत प्रशिक्षण भी लिया है।

उन्होंने बताया कि माइ हैण्ड क्राफ्ट टेक्सटाइल के तहत सिलाई-कढ़ाई के द्वारा सभी प्रकार के कपड़े बनाए जाते हैं सिलाई की ट्रेनिंग के जरिये महिलाओं और लड़कियों को रोजगार देना ही प्राथमिकता है । पैसा तो सभी कमाते है पर कुछ समाज के लिए कर गुजरने की चाहत अब रंग ला रही। गांव की महिलाओं को रोजगार दिलाने की इच्छा अब पूरी हो रही है। इससे मन को अपार शांति मिल रही है।

उन्होंने बताया कि मेरे हौसले को पंख तब लगे जब बीके चौधरी व उमंग सर मिले। आप लोगों के मार्गदर्शन से विश्वव्यापी महामारी करोना से बचाव के लिए लगभग तीन हजार से अधिक मास्क जनता के उच्चाधिकारियों को अपने आधार उद्योग के जरिये उपलब्ध कराया जा चुका है।आगे भी यह कोशिश अनवरत जारी रहेगी।