जनकपुरवासी श्रीराम को देख मोहित हुए

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हाटाबाजार.कौडीराम विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बासुडीहा मे आदर्श रामलीला समिति गम्भीरपुर के तत्वावधान में चल रही 39 वे वर्ष की लीला के तीसरे दिन फुलवारी का मंचन किया गया।रामलीला की शुरुआत राजा जनक सीता के विवाह हेतु धनुष यज्ञ का निमन्त्रण पत्र देश देश के राजाओं के साथ ऋषि विश्वामित्र को भी भेजते है मिथिला में देश देश के राजाओ के आने के क्रम में ऋषि विश्वामित्र भी अपने दोनों शिष्यो राम और लक्ष्मण के साथ जनकपुर पहुच कर अमराई में निवास करते है।।राम लक्ष्मण को देखकर राजा जनक बहुत प्रभावित होकर उनका परिचय पूछते है।गुरु की आज्ञा लेकर राम लक्ष्मण जनकपुर घुमने जाते है राम लक्ष्मण को देखर सारे जनकपुर वासी उनके रूप को देखकर उनके पीछे पीछे चल देते है इधर बाजार घूमते घूमते दोनों भाई जनक वाटिका में पहुँच जाते है जहाँ पहली बार राम और सीता की भेंट होती है राम को देखकर सीता जी सखिया इस तरह रहती जैसे कोई दिब्य दर्शन हो वो सभी नानाप्रकार की बाते सीता जी से कहती है कि मैंने इस तरह का पुरुष नही देखा ये बहुत बीर राजकुमार प्रतीत होते है तो कोई इन्हें नन्हा बालक कहता है वो सब चाहती है कि सीता का विवाह राम से ही हो और यही धनुष को तोड़े इसके लिये सखियों के साथ देवी जी की आराधना करती है।मुख्य रूप से वेदरत्न सिंह,धीरज शाही,दिवाकर विक्रम सिंह,अभिषेक सिंह रिडू,दीपक सिंह,अमितेन्द्र दुबे,राजू यादव,भोला यादव,रणविजय सिंह,महेश सिंह सहित तमाम लोग मौजूद थे।

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