उत्तर प्रदेश में मुकदमे की जद में आए तबलीगी जमात के लोगों को अस्थायी जेलों में रखने का निर्देश दिया गया है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ”तबलीगी जमात के एक—एक व्यक्ति का विवरण लेकर उनके विरुद्ध जहां भी कार्रवाई होनी है, उसका निर्देश दिया गया है।”
उन्होंने कहा, ”जिन जमातियों पर मुकदमा दर्ज है, उन्हें अस्थायी जेल में रखने का निर्देश संबंधित जिलाधिकारियों को दिया गया है।”
मालूम हो कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज प्रकरण के बाद उत्तर प्रदेश सरकार तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की धरपकड़ कर उनकी जांच पर खास ध्यान दे रही है।
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में संक्रमित जमातियों और कथित रूप से उनके सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बताने के लिये अलग कॉलम भी बनाया गया है।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन की समीक्षा के दौरान कोरोना संक्रमण को छुपाने वाले लोगों और ऐसे लोगों को पनाह देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ—साथ संबंधित थानेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई के आदेश दिये हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा में पाया कि कुछ जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं किया गया। इस पर उन्होंने वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को चेतावनी दी कि अगर लॉकडाउन का उल्लंघन हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अवस्थी ने बताया कि लखनऊ के सदर क्षेत्र में कैंट बोर्ड द्वारा संचालित एक सामुदायिक रसोई में एक संदिग्ध व्यक्ति के आने के बाद जिला प्रशासन ने उस रसोई में मौजूद रहे 32 लोगों, तीन पुलिस अफसरों और कैंट क्षेत्र में तैनात सभी 50 पुलिस अधिकारियों की जांच कराई है। इनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है।
हालांकि यह निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी सामुदायिक रसोई में बिना अनुमति के कोई संदिग्ध व्यक्ति न आने पाये।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में 19488 मुकदमे दर्ज किये गये। अब तक 17 लाख 77 हजार वाहनों की जांच कर 23 हजार 873 वाहन जब्त किये गये हैं।
चेकिंग के दौरान सात करोड़ 70 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि जमाखोरी और कालाबाजारी के आरोप में 424 मुकदमे दर्ज किये गये हैं। इनमें अभियुक्त बनाये गये 534 में से 187 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फर्जी खबर के 346 मामले अब तक आये हैं। सबकी जांच के लिये साइबर सेल से कहा गया है। उन्होंने बताया कि महराजगंज में छह संदिग्ध लोगों का पहला परीक्षण नेगेटिव आया है। अभी उनका दूसरा परीक्षण होना है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में महराजगंज भी पीलीभीत की तरह कोरोनामुक्त जिला बन जाएगा।