नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव को एक पत्र लिखकर यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों द्वारा परीक्षाओं के आयोजन को मंजूरी दे दी है। अब कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में फाइनल इयर के एग्जाम अनिवार्य रूप से होंगे।
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यूजीसी ने यूनिवर्सिटियों के लिए एग्जाम और अकैडमिक कैलेंडर से संबंधित जो गाइडलाइंस जारी की है, उसी के मुताबिक फाइनल टर्म के एग्जाम होंगे।
इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्वीकृत मानक परिचालन प्रक्रिया के मुताबिक परीक्षा का आयोजन करना होगा।
वहीं, यूजीसी ने अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक अब यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) भी फाइनल इयर की परीक्षाओं को रद्द करने की सिफारिश नहीं करेगा।
यूजीसी ने 29 अप्रैल, 2020 को परीक्षाओं को लेकर जो गाइडलाइंस जारी की थी, अब उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन एग्जाम कैलेंडर में थोड़ा बदलाव किया गया है।
पहले जहां 1 से 15 जुलई तक फाइनल इयर के एग्जाम आयोजित कराने का निर्देश दिया गया था, अब इसे बढ़ाकर सितंबर कर दिया गया है। यूजीसी की ओर से जल्द ही इस संबंध में एक गाइडलाइंस जारी की जाएगी।
सितंबर में होने वाले फाइनल सेमेस्टर या फाइनल इयर के एग्जाम में जो छात्र नहीं बैठ सकते हैं, उनके लिए सितंबर के बाद एक विशेष परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जो परीक्षा में पास नहीं हो पाएंगे, उनको भी अपनी परफॉर्मेंस में सुधार का मौका मिलेगा।
यूनिवर्सिटियों को कम समय में तेजी से परीक्षा का आयोजन करने के लिए परीक्षा के माध्यम और तरीके में बदलाव की सिफारिश की गई है।
जैसे परीक्षा की अवधि को 3 घंटे से कम करके 2 घंटे किया जा सकता है। इसके अलावा ऑनलाइन और ऑफलाइन एग्जाम, दोनों का आयोजन करने की छूट दी जा सकती है।