गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की ओर से बुधवार को शिप्रा लॉन में पूर्वांचल रत्न सम्मान समारोह आयोजित कर समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, पद्मश्री प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, प्रो रामदेव शुक्ल, प्रो आनंत मिश्र और महाकाल के प्रतिनिधि रमन त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की कार्यकारिणी ने संस्थापक सदस्य डॉ एसपी त्रिपाठी के नेतृत्व में स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।
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मंच से अपने उद्बोधन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के पत्रकारों ने समाज के सागर से कुछ मोतियों को निकालकर समाज के सामने प्रदर्शित कर सम्मानित किया है। उन्होंने पद्मश्री से सम्मानित विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की बात कहते हुए कहा कि इस देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को चुन-चुन कर सम्मानित किया जा रहा है। आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को जब राज्यपाल ने पद्मश्री से सम्मानित किया तो गोरखपुर झूम उठा। प्रधानमंत्री की मन की बात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब अपने मन की बात कहते हैं। उसमें राजनीति नहीं होती है।
उन्होंने एक श्रृंखला जोड़ी है। जिसके तहत प्रतिभाशाली लोगों को पद्मश्री और पद्म विभूषण जैसे देश के बड़े पुरस्कार दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो सामाजिक कार्य दूसरे वर्ग के लोगों को करना चाहिए वह आज पत्रकार कर रहे हैं। मेरी इच्छा है की ऐसे पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र दिया जाए। कहा कि सूत्रों के माध्यम से सागर में नीर और क्षीर करने की महारत पत्रकारों को हासिल है। साहित्यकारों को सम्मान देने का कार्य जो गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब ने किया है। वह दिल्ली और अन्य जगहों के पत्रकार नहीं कर पाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पद्मश्री प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि इस कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले को बधाई देता हूं। सम्मान एक सामाजिक स्वीकृति है। यदि समाज में और असम्मानित व्यक्ति को सम्मान मिलता है तो वह समाज जंग लगे लोहे की तरह टूट जाता है।
यह सम्मान धन से अर्जित नहीं किया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति अपने कौशल और हुनर से कर्म करता है तो नहीं सोचता है कि उसे इस कार्य के लिए सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजाओं के दरबार में ऋषियों और दार्शनिकों को सम्मानित किया जाता था। यह परंपरा आज भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि साहित्य को समाज का इंजीनियर और पत्रकारों को समाज की आंख कहा जाता है।
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा का सवाल जब भी होता है तो उसकी आवाज मैं सदन में जरूर उठता हूँ। किसी जज को न्याय देने के लिए 10 साल लग जाते हैं, लेकिन पत्रकार अपने खबर के माध्यम से प्रतिदिन पीड़ित लोगों के लिए न्याय करते हैं। मैं पत्रकारों की निर्भीकता से भी सीखता हूं।
प्रोफेसर रामदेव शुक्ल ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के बारे में कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है की गोरखपुर विश्वविद्यालय का कोई छात्र राज्यपाल बना है। प्रोफेसर अनंत मिश्र ने कहा कि मनुष्य की यात्रा विष से अमृत की है। इस धरा पर पत्रकार और साहित्यकार इस विष का रसपान करते हैं। यह परंपरा हमारे देश में हजारों वर्षों से है। देश के प्रतिभाशाली लोगों ने हमेशा ही समाज से विष को समाप्त करने का बीड़ा उठाया है।
गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के अध्यक्ष मारकंडेय मणि त्रिपाठी ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी पत्रकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं। आज इस कार्यक्रम में उन लोगों को सम्मानित किया जा रहा है। जो अभाव में बिना किसी लालसा के समाज में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
-स्वस्तिवाचन से हुआ शुभारम्भ-
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर महर्षि सावर्ण देव विद्यापीठ के आचार्य गणों ने स्वस्तिवाचन किया। उसके बाद प्रेस क्लब की कार्यकारिणी ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण किया। इस अवसर पर युवक अनमोल श्रीवास्तव ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का स्केच बनाकर भेंट किया।अतिथियों के लिए स्वागत भाषण गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन संजय तिवारी और आभार प्रकट महामंत्री मनोज यादव ने किया। कार्यक्रम का राष्ट्रगान से समापन हुआ।
-पूर्वांचल रत्न से हुए सम्मानित-
शिक्षा के क्षेत्र में इतिहासकार प्रो शिवाजी सिंह, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ आरएन सिंह, धर्मार्थ कार्य के लिए गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी, रंगमंच के क्षेत्र में केसी सेन, शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में डॉ शरद मणि त्रिपाठी, खेल (कुश्ती) के क्षेत्र में चंद्र विजय सिंह, चित्रकला के क्षेत्र में ममता केतन, समाज सेवा के क्षेत्र में बृजेश राम त्रिपाठी, संगीत के क्षेत्र में अमित अंजन, मूर्तिकला के क्षेत्र में सुशील गुप्ता, टेराकोटा (लोक कला) के क्षेत्र में रामचंद्र प्रजापति, खेल (बैडमिंटन) के क्षेत्र में डेफ ओलंपिक पदक विजेता आदित्या यादव, खेल (निशानेबाजी) के क्षेत्र में इलहान, मूर्तिकला के क्षेत्र में भास्कर विश्वकर्मा, प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष सर्वेश दुबे, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत सरोद वादक आर्यन चटर्जी, और तबला वादक अमेय शंकर गंगानी को सम्मानित किया गया।
-साहित्यकारों का हुआ सम्मान-
साहित्यकार पद्मश्री प्रोफेसर विश्वनाथ तिवारी, साहित्यकार प्रोफेसर रामदेव शुक्ल, साहित्यकार प्रोफेसर आनंद मिश्र का हुआ सम्मान।