उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण (एजुकेशन ट्रिब्यूनल) और राज्य जीएसटी अधिकरण (जीएसटी ट्रिब्यूनल) को लखनऊ हाईकोर्ट में स्थापित करने को लेकर अधिवक्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं।
अवध बार एसोसिएशन ने बुधवार को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया है।
अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता हर गोविंद परिहार ने कहा कि, हम पिछले कुछ समय लगातार लखनऊ हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जिससे आम जनता को इसका लाभ मिल सके।
मुरादाबाद, बरेली, रामपुर और कानपुर जैसे जिलों के लोग लखनऊ होते हुए प्रयागराज जाते हैं, जिसमें उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, अगर उनका काम लखनऊ में ही हो जाएगा तो उन्हें भी राहत मिलेगी।
एजुकेशन ट्रिब्यूनल को दो हिस्सों में बांटा
वरिष्ठ अधिवक्ता परिहार ने कहा कि, सरकार ने एजुकेशन ट्रिब्यूनल को दो हिस्सों में बांट दिया है, जिससे लोगों को प्रयागराज तक का सफर तय करके वहां जाना पड़ेगा।
साथ ही जीएसटी ट्रिब्यूनल का प्रधान जज इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया गया है। इससे आम लोगों, अधिवक्ताओं और अधिकारियों को प्रयागराज तक जाना पड़ेगा और इससे उन्हें ही परेशानी होगी।
एजुकेशन ट्रिब्यूनल का मुख्यालय लखनऊ
आपको बता दें कि यूपी एजुकेशन ट्रिब्यूनल का मुख्यालय लखनऊ में होगा। मगर, इसका काम तीन दिन लखनऊ व दो दिन प्रयागराज में होगा।
इस संबंध में सरकार द्वारा यूपी विधानसभा में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 पेश किया गया।
हाईकोर्ट के सभी अधिवक्ता व बार एसोसिएशन का सपोर्ट
वहीं, अवध बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष (मध्य) अतीश कुमार सिंह ने कहा, कि जीएसटी ट्रिब्यूनल, कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल स्थापित करने व लखनऊ होईकोर्ट के क्षेत्रधिकार में कानपुर, बरेली, शाहजहांपुर, मेरठ आदि मंडलों को शामिल किए जाने की मांगों को लेकर अधिवक्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं।
इस कार्य बहिष्कार का लखनऊ हाईकोर्ट के सभी अधिवक्ता व सभी बार एसोसिएशन ने समर्थन किया है और सभी कार्य बहिष्कार पर हैं। उन्होंने बताया कि आगे की रूप रेखा अधिवक्ताओं के साथ बैठक करके तय की जाएगी।