जमीन के झगड़े होंगे खत्म, प्रशासन ड्रोन कैमरे से तैयार कर रहा डिजिटल नक्शा

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गोरखपुर। जमीन और मकान को लेकर अक्सर होने वाले विवाद पर अब जल्द ही अंकुश लगने वाला है। सैटेलाइट मैपिंग के बाद खतौनी की नकल पर सम्बंधित गाटा संख्या की तस्वीर भी होगी। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सदर तहसील के पांच गांवों का ड्रोन सर्वे शुरू हो गया है।

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खतौनी में तस्वीर के साथ ही उस पर विस्तार से पूरी जानकारी रहेगी कि वहां रास्ता कहां से है और उसकी लम्बाई या चौड़ाई कितनी है। साथ ही अगर कोई विवाद है या भूमि नजूल की है तो उसकी भी जानकारी खतौनी से मिल जाएगी।

इसको लेकर सदर तहसील के मामापार, पेवनपुर, विशुनपुर खुर्द, रामपुर थवईपार और मठिया में ड्रोन सर्वे किया जा रहा है।

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सोमवार को इन गांवों में ड्रोन की मदद से केंद्र और सदर तहसील की टीम ने सैटेलाइट इमेजिंग का काम शुरू किया।

ड्रोन से सर्वे कर आबादी वाले क्षेत्रों में बने सभी मकानों, बाउंड्रीवाल की सेटेलाइट इमेज यानी चित्र निकाला जाएगा जो खतौनी पर गाटा संख्या के सामने छपा भी होगा।

हर छह महीने में अपडेट होगा मैप
जो सैटेलाइट मैप अपलोड रहेगा उसे हर छह महीने पर अपडेट किया जाएगा। ऐसा इसलिए अगर उस मकान- जमीन में कोई बदलाव हुआ हो या वहां कोई निर्माण हुआ तो वह सब अपडेट हो जाए।

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इस नई व्यवस्था से सरकारी जमीन भी सुरक्षित रहेगी। दरअसल, कुछ जमीन कारोबारी ग्राहकों को फांसकर सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करा देते हैं। बाद में जब बात खारिज-दाखिल की आती है तब मामला पकड़ में आता है।

वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि सदर तहसील के पांच गांव अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुने गए हैं। इन गांवों में ड्रोन से सर्वे शुरू हो चुका है। प्रयास सफल होने पर इसका विस्तार किया जाएगा।

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