Home गोरखपुर गोरखपुर: अधिकारियों और पड़ोसियों ने मुंह फेरा तो माँ का शव ठेले...

गोरखपुर: अधिकारियों और पड़ोसियों ने मुंह फेरा तो माँ का शव ठेले पर लाद कर शमशान ले गया बेटा

सांकेतिक फोटो

गोरखपुर में एक मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। दो दिन से होम आइसोलेशन में रह रही 55 वर्षीय संक्रमित महिला को समुचित इलाज न मिलने से रविवार को उसकी जान चली गई।

ठेले पर शव लेकर पहुँचा बेटा

मौत की सूचना देने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम घर नहीं गई। मदद मांगने पर मोहल्लों वालों ने दरवाजे-खिड़कियां बंद कर लिए।

थक हार कर बेटे ने मां के शव को अकेले कफन में लपेटा और ठेले पर लादकर श्मशान घाट पहुंच गया। वहां अकेले ही उसने मां का अंतिम संस्कार किया। कोरोना प्रोटोकाल के बारे में पूछने पर जिम्मेदार अब बगले झांक रहे हैं।

बीते 8 अप्रैल को गोला कस्बे से 55 यात्री बस बुक कर कुम्भ स्नान के लिए हरिद्वार गए थे। सभी लोग 16 अप्रैल को वापस लौटे।

कुछ यात्रियों की तबीयत खराब होने पर तहसील प्रशासन ने सबकी कोविड जांच कराई तो नौ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

इसमें गोला कस्बे के वार्ड संख्या-5 की 55 वर्षीय महिला भी संक्रमित मिलीं। डॉक्टरों ने उनको 14 दिन क्वारंटीन रहने की सलाह दी थी।

वह बीते शुक्रवार की शाम से ही होम आइसोलेशन में रह रही थीं। लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महिला का न ही जांच की और न ही कोई दवा दी।

परिजनों के अनुसार रविवार की सुबह अचानक महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। जब तक इलाज के लिए कहीं ले जाते, तब तक उसने दम तोड़ दिया।

लापरवाही की हद तो तब हो गई जब कोरोना पाजिटिव महिला की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां नही पहुंची। कोरोना केस होने के कारण मोहल्ले के लोगों ने भी मुंह मोड़ लिया।

कहीं से कोई उम्मीद न देख महिला के बेटे ने ही मास्क व ग्लव्स लगाकर मां को कफन में लपेटा और अकेले ही ठेले पर लादकर गोला स्थित मुक्तिधाम पर पहुंचा।

वहां उसने अकेले ही चिता सजाई और मुखाग्नि देकर मां का अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के दौरान भी कोविड प्रोटोकाल के तहत जिम्मेदार विभाग का कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचा।

Exit mobile version