गोरखपुर। जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज की लापरवाही एक बार और निकल कर सामने आई हैं। गोरखपुर के चरगांवा के करीम नगर एक कि एक कॉरोना नेगेटिव महिला को पॉजिटिव बता कर भर्ती कर दिया गया, महिला के घर के आसपास के क्षेत्र को सील भी कर दिया गया।
4 दिन तक महिला को कोराना वार्ड में रखा गया। 4 दिन बाद आज बताया गया कि महिला का रिपोर्ट नेगेटिव था। गलती से किसी और मरीज़ के साथ रिपोर्ट एक्सचेंज होने की वजह से महिला को पॉजिटिव बता दिया गया था।
गोरखपुर के चारगंवा के पास करीमनगर की महिला की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी, उन्हें चेस्ट में और पीठ में दर्द की शिकायत थी। महिला को हल्का फीवर भी था। परिवार के लोगों उन्हें इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में ले गए तो वहां पर पहले कोरोना जांच कराने की बात कही गई। 2-3 प्राइवेट अस्पतालों में दिखाने के बाद सभी ने जब पहले कारोना टेस्ट रिपोर्ट की मांग की तो परिवार ने महिला को सीधे मेडिकल कॉलेज में दिखाना ठीक समझा।
महिला को 25 जून को मेडिकल कॉलेज में दिखाया गया तो उन्हें सस्पेक्ट मानते हुए भर्ती कर लिया गया और कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया। तीसरे दिन यानी 27 जून को दोपहर 12 बजे महिला कर लड़के के पास कॉल करके बताया गया कि आपके माताजी का टेस्ट रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया है। उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया जाएगा। जिला प्रशासन की तरफ से जारी लिस्ट में भी करीमनगर में महिला को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की बात कही गयी।
पॉजिटिव रिपोर्ट आने की सूचना के बाद करीमनगर में हड़कंप मच गया। 27 जून को ही दोपहर 2 बजे आनन-फानन में लेखपाल और पुलिस विभाग द्वारा मिलकर करीमनगर में महिला के घर के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया गया।
बताते हैं कि महिला के घर के पास दूध का बड़े पैमाने पर व्यवसाय होता है। मोहल्ला सील होने की वजह से सब का कामकाज ठप हो गया। जितने लोग वहां से दूध लेकर जाते थे सबकी धड़कने बढ़ने लगीं।
अब 2 दिन बाद आज यानी 29 जून को महिला के लड़के के फोन पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से कॉल करके बताया गया कि आपके माताजी का रिपोर्ट नेगेटिव था। गलती से ऐसा हुआ था कृपया अपनी माताजी को यहां से ले जाइए।
यह सुनकर परिवार के लोग सकते में आ गए हैं। परिवार का कहना है कि जब रिपोर्ट नेगेटिव थी तो किसी भी हालत में मरीज को कोरोना वार्ड में भर्ती नहीं किया जाना चाहिए था। अब कोरोना वार्ड में भर्ती होने के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि नेगेटिव मरीज की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ जाए।
आपको बता दें कि इससे पहले भी गोरखपुर में इस तरह का एक मामला सामने आ चुका है। जहां नाम में गलतफहमी की वजह से दूसरे मरीज को कोरोना पॉजिटिव बताकर भर्ती कर दिया गया था। बाद में 2 दिन के बाद निगेटिव मरीज का टेस्ट भी पॉजिटिव आ गया था।
इस बारे में सीएमओ कार्यालय का कहना है कि अभी उनके पास इस तरह की कोई सूचना नहीं है फिलहाल फील्ड में है जांच करा कर कार्यवाही की जाएगी।