लखनऊ। प्रदेश की दो एमएसएमई इकाइयों ने रैपिड टेस्ट किट तैयार की है। इनमें एक इकाई नोएडा व दूसरी लखनऊ की है। नोएडा की कंपनी नू लाइफ द्वारा तैयार रैपिड टेस्ट किट को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) पुणे ने हरी झंडी दे दी है।
लखनऊ की कंपनी बायोजैनिक्स भी अपनी किट अनुमोदन के लिए एनआईवी पुणे को भेज रही है। इसे भी सोमवार तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस किट से 500 रुपये से कम में ही जांच हो जाएगी।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा रैपिड टेस्ट किट को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रदेश में इस किट को विकसित करने की पहल हुई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग इन इकाइयों को मदद कर रहा है।
एनआईवी पुणे ने नोएडा की नू लाइफ कंपनी द्वारा विकसित रैपिड टेस्ट किट को परीक्षण के बाद अनुमोदित कर दिया है। इसके बाद नू लाइफ ने इस किट का उत्पादन शुरू कर दिया है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह यह कंपनी 200 किट की पहली खेप राज्य सरकार को सौंपेगी।
500 रुपये से कम में हो सकेगा टेस्ट
प्रदेश में विकसित रैपिड टेस्ट किट से कोविड-19 की जांच में 500 रुपये से भी कम खर्च आएगा। बायोजैनिक्स के संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि मौजूदा समय में कोरोना की जांच की पद्धति खर्चीली तो है ही, साथ ही इसमें समय भी लगता है।
रैपिड टेस्ट किट काफी किफायती है और महज 15 मिनट में जांच कराकर पता लगाया जा सकता है कि संक्रमित है या नहीं। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो कुछ नहीं करना होता है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर आगे दोबारा जांच करानी पड़ती है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस किट से कहीं भी और कोई भी टेस्ट कर सकता है। इसके लिए प्रशिक्षित टेक्नीशियन आदि की जरूरत नहीं पड़ती है।