उत्तर प्रदेश में दूसरी बार मंत्रिमंडल विस्तार होना बिल्कुल तय माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार 2022 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मध्यप्रदेश के सभी कार्यक्रम छोड़कर लखनऊ पहुंच गईं हैं। जिस स्तर पर राजभवन में तैयारियां चल रही हैं। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शुक्रवार या शनिवार को दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।
सूत्रों की माने तो पूर्व आईएएस एके शर्मा को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिलनी लगभग तय है। वहीं केशव प्रसाद मौर्या को उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी जाएगी। जानकारी के अनुसार बीजेपी मौर्या को ओबीसी चेहरा प्रोजेक्ट कर 2022 का चुनाव लड़ना चाहती है।
19 मार्च 2017 को हुआ था सरकार का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार में दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। 19 मार्च 2017 को योगी सरकार का गठन हुआ था। इसके बाद 22 अगस्त 2019 को पहली बार योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार किया गया था।
उस समय योगी के मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। अभी कुछ दिनों पहले ही राज्य मंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी। वहीं कोरोना की पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और कमल रानी वरुण की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश कैबिनेट में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 60 हो सकती है।
सरकार में अभी 54 मंत्री
वर्तमान में योगी कैबिनेट में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री, 22 राज्य मंत्री यानी कुल 54 मंत्री हैं। ऐसे में अगर किसी मंभी को नहीं हटाया जाता है तो करीब 6 मंत्रियों की जगह बचती है। चुनाव से पहले इस मंत्रिमंडल विस्तार में नए लोगों को शामिल करने की उम्मीद है। ऐसा कर सरकार जरूर सियासी समीकरण साधने की कोशिश करेगी।
विधानसभा चुनाव में बचा है कम समय
वहीं कोरोना महामारी और पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी के लिए मंत्रिमंडल विस्तार का ये फैसला और भी गंभीर हो जाता है। राज्य में विधानसभा चुनाव में सिर्फ 8 महीने का समय बचा है। ऐसे में योगी सरकार सभी सहयोगियों को भी खुश ही रखना चाहेगी।