मिसाल : लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को हवाई जहाज से ला रही झारखंड सरकार

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लॉकडाउन के कारण महीनों से लेह की में फंसे झारखंड के 60 मजदूरों को झारखंड सरकार ने एयरलिफ्ट कर उन्हें उनके घर तक भेजने का फैसला किया है। झारखंड पहला ऐसा राज्य है जिसने अपने राज्यों के मजदूरों को दूसरे जगहों से एयर लिफ्ट किया है।गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी दूसरे जगह फंसे मजदूरों को लाने में सरकार किसी तरह की कोई शुल्क नहीं लेगी। कारगिल सेक्टर में एक प्रोजेक्ट में काम कर रहे झारखंड के प्रवासी मजदूरों ने सीएम हेमंत सोरेनसे मदद की गुहार लगासी थी।

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इसके बाद हेमंत सोरेन ने लद्दाख प्रशासन से मदद देने का आग्रह किया। तब तत्काल उन्हें राशन सहित दूसरी सुविधा मुहैया करा दी गयी। इसके बाद उन्हें लाने का अभियान शुरू हुआ।

12 मई को झारखंड सरकार ने इन फंसे मजदूरों को एयर लिफ्ट करने की अनुमति मांगी। हालांकि चूंकि तब हवाई यात्रा की अनुमति नहीं दी थी केंद्र सरकार ने तत्काल इसकी अनुमति नहीं दी। 25 मई के बाद जब हवाई सेवा शुरू हुई तब हेमंत सोरेन ने फिर इसकी पहल की।

लद्दाख प्रशासन से मिलकर सभी 60 मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की। इसके बाद उनके उड़ान की तैयारी हुई। वे जेट के हवाई जहाज से वहां से 12 बजे उड़ेंगे और 2 बजे दिल्ली आएंगे। फिर दिल्ली से दूसरे विमान से रांची जाएंगे।झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अब तक राज्य में लगभग 4 लाख मजदूरों को दूसरे राज्य से वापस लाया जा चुका है।

इससे पहले गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से एयर एशिया की फ्लाइट से 174 प्रवासी मजदूर मुंबई से अपने गृह राज्य झारखंड लौटे। गुरुवार सुबह 8:15 बजे एयर एशिया की स्पेशल फ्लाइट से ये प्रवासी मजदूर रांची पहुंचे। इस दौरान लोगों के चेहरे पर एक खास खुशी नजर आ रही थी।