गोरखपुर। एक ही नाम होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐसे व्यक्ति को कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया, जिसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी। कोरोना नवगेटिव करीब 15 घंटे तक कोरोना संक्रमितों के बीच में रहा। इसके उलट कोरोना पॉजिटिव मरीज को सामान्य मरीजों के बीच 100 बेड के टीबी अस्पताल में क्वारंटीन कर दिया गया।
Advertisement
इस बात का खुलासा होते ही हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहीं, निगेटिव आए व्यक्ति को क्वांरटीन सेंटर लाया गया है।
जानकारी के अनुसार बुधवार को बेलघाट के शाहपुर के रहने वाले एक व्यक्ति को100 बेड टीबी अस्पताल के क्वारंटीन सेंटर में भर्ती कराया गया था। उसी नाम से मिलता-जुलता एक अन्य व्यक्ति पीपीगंज के रायपुर का भी क्वारंटीन सेंटर में था। दोनों की रिपोर्ट जांच के लिए बुधवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गई थी।
आईसीएमआर की रिपोर्ट आई तो पीपीगंज के रायपुर का रहने वाला व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया। बेलघाट के शाहपुर के रहने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आई। रिपोर्ट मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम क्वारंटीन सेंटर गई। वहां कोरोना पॉजिटिव को नाम से बुलाया गया। दोनों के नाम मिलते-जुलते थे, इसलिए बेलघाट के युवक (निगेटिव रिपोर्ट) को एंबुलेंस में बैठा लिया गया।
एंबुलेंस उसे लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज जा पहुंची और जरूरी औपचारिकता के बाद उसे कोरोना वार्ड में भर्ती कर लिया गया। वह कोरोना संक्रमितों के बीच में रहा। इसी बीच जानकारी मिली कि कोरोना पॉजिटिव मरीज मेडिकल कॉलेज नहीं आया है। इससे सनसनी फैल गई।
छानबीन हुई तो पता चला कि पॉजिटिव युवक टीबी अस्पताल के क्वारंटीन सेंटर में ही है। वहां भी तमाम लोगों को क्वारंटीन किया गया है। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम 100 बेड के टीबी अस्पताल पहुंची और कोरोना पॉजिटिव को लेकर जाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मिलते-जुलते नाम की वजह से चूक हुई है। पॉजिटिव मरीज को अब कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया गया है, जबकि निगेटिव आए व्यक्ति को क्वारंटीन सेंटर भेज दिया गया है।