नीतीश गुप्ता, गोरखपुर। हमेशा ही सुर्खियों में बने रहना वाला मुख्यमंत्री का शहर गोरखपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चाओं में बने रहना का कारण हैं सांसद रवि किशन सहित जिले के कुछ विधायक और नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल।
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असल में गोरखपुर में एक सड़क निर्माण को लेकर सांसद और विधायक एक दूसरे के फैसले के खिलाफ हो गए है। मामला,गोरखपुर से देवरिया मार्ग पर उत्तर ओर बसी कालोनियों में जलभराव का है। बात कुछ दिन पहले की है जब सांसद रवि किशन गोरखपुर दौरे पर थे बारिश का समय था रोड पर पानी लगा हुआ था स्थानीय लोगों में गुस्सा था।
सांसद ने पानी निकासी का समाधान कुछ यूं निकाला जिससे समस्याएं और उतपन्न होने लगी। सांसद दौरा खत्म कर दिल्ली चले आये अगले दिन नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल वहां पहुँचे और लोगों से बातचीत की। स्थानीय लोग इसलिए गुस्से में थे क्योंकि सांसद रवि किशन ने अभियंता को वहां की सड़क ऊंची करने का आदेश दिया था तो अभियंता ने करवा दिया।
इसकी वजह से पानी लोगों के घरों घरों में जाने लगा। राधा मोहन ने वहां पहुँचकर नाराजगी जताई और सांसद के फैसले को गलत बता दिया।
विधायक डा.राधा मोहन दास अग्रवाल ने इस जलभराव के लिए सहायक अभियंता के.के.सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए डिप्टी सीएम और प्रदेश के PWD मंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उन्हें तत्काल हटाने की मांग की थी।
शनिवार को विधानसभा में भी उन्होंने जलभराव पर सवाल भी उठाया था। विधायक राधा मोहन ने इस सम्बन्ध में डिप्टी सीएम से मुलाकात की तो उन्होंने सहायक अभियंता को लखनऊ से अटैच करने का आदेश दिया।
विधायक ने डिप्टी सीएम के साथ अपनी फोटो ट्वीट करके भी इसकी जानकारी दी थी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने राधा मोहन की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियंता केके सिंह को लखनऊ अटैच कर भी दिया था।
अभी आगे की कार्रवाई चल ही रही थी कि बीच में आ गए सांसद रवि किशन और दिल्ली स्थित अपने आवास से ही डिप्टी सीएम को रवि किशन ने पत्र लिख डाला जिसमें लिखा गया कि सहायक अभियंता केके सिंह मेहनती, कर्मठ और दक्ष अभियंता हैं, ऐसे में उन्हें हटाए जाने से फोरलेन का कार्य प्रभावित हो जाएगा।
नगर विधायक की ओर से उठाई गई लोगों की समस्या का जवाब देते हुए सांसद ने यह भी लिखा है कि देवरिया रोड को ऊंचा कर दिए जाने से वहां जलजमाव नहीं हो रहा, जिससे आवागमन सुलभ हो गया है। उत्तर की ओर बसी काॅलोनियों में जल-जमाव की समस्या के लिए नाले का निर्माण हो रहा है।
इन बातों को अभी एक दो दिन बीता भी नहीं था कि जिले के कई अन्य विधायकों ने भी रवि किशन का साथ देते हुए लगातार 4 बार के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया।
विधायकों ने अभियंता केके के पक्ष में सीएम सहित डिप्टी सीएम को पत्र लिख डाला और पूरे मामले में राधा मोहन को गलत ठहराया। कैंपियरगंज विधायक फतेह बहादुर ने तो मामले को व्यक्तिगत लेते हुए विधायक राधा मोहन पर बौखलाहट का इल्जाम लगा दिया।
फतेह बहादुर ने कहा कि निधि सस्पेंड है पैसा नहीं मिलने से विधायक राधा मोहनदास अग्रवाल बौखला गए हैं। अब इतना कुछ लोग बोले हैं तो भला राधा मोहन कैसे चुप रहते? राधा मोहन दास अग्रवाल ने फतेह बहादुर को इतिहास याद दिलाया और बताया कि किस तरह से वो घाट घाट का पानी पीकर बैठे हैं।
उन्होंने 400 करोड़ के घोटाले का भी जिक्र किया जो वन मंत्री रहते फतेह बहादुर के समय हुआ था। सांसद विधायक की जंग अब सार्वजनिक हो चुकी है पार्टी ने भी राधा मोहन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो जिस तरीके से सांसद रवि किशन सहित गोरखपुर जिले के कई विधायक अपने ही विधायक के खिलाफ हो गए हैं और उनके विरुद्ध पत्र लिख रहे हैं तो इसके पीछे खेल बहुत बड़ा है क्योंकि योगी के शहर में छोटे से छोटे मामलों पर योगी आदित्यनाथ खुद फैसला लेते हैं खैर ये तो बहुत बड़ी बात है।
सूत्रों की मानें तो विधायक के खिलाफ खुली जंग का आदेश लखनऊ से है क्योंकि काफी दिनों से राधा मोहन पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। खैर इस पूरे मामले पर हाई कमान ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन जिस तरह से ये जंग सांसद बनाम विधायक की हो रखी है तो अब देखना होगा जीत किसकी होती है?