गोरखपुर। गोरखपुर में लाक्षणिक कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था चरमराने लगी है। अगर आप कोरोना पॉजिटिव पाए गए और आपको कोरोना के कोई लक्षण भी है तो आप को गोरखपुर में इलाज पालन के लिए काफी मशक्कत करनी होगी।
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कल कुछ ऐसी ही घटना हुई जहां जिले में कोरोना पॉजिटव बुजुर्ग मां को एक बेटा साढ़े आठ घंटे तक शहर के एक अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पताल तक चक्कर काटता रहा, गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन न सरकारी और न ही प्राइवेट अस्पताल ने मां को भर्ती किया।
देर रात 11.25 बजे एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद बुजुर्ग महिला को एक निजी अस्पताल ने काफी ना-नुकुर के बाद भर्ती किया।
जानकारी के मुताबिक फल मंडी के पीछे रहने वाली 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला की तबीयत 16 जुलाई को खराब हुई थी। परिजन उसी दिन देर रात महिला को दाउदपुर स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए।
डॉक्टरों ने कोविड-19 जांच की सलाह दी। इसके बाद निजी लैब से जांच कराई गई तो शनिवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्राइवेट अस्पताल ने दोपहर तीन बजे के करीब ये कहते हुए मरीज को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया की हमारे यहां कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था नहीं है।
बेटा अपनी मां को लेकर बीआरडी पहुंचा, तो वहां सभी वेंटीलेटर फुल होने और 1 भी जगह न होने का हवाला देते हुए वापस कर दिया गया।
इसके बाद परिजन उसे लेकर रेलवे अस्पताल, फिर स्पोर्ट्स कॉलेज गए। इन अस्पतालों से यह कहकर वापस कर दिया गया कि यहां केवल अलक्षणिक मरीज भर्ती होते हैं।
थक हारकर बुजुर्ग मां को लेकर बेटा जिला अस्पताल आया। यहां भी मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया गया।
इसके बाद परिजनों ने सीएमओ से फोन पर बात की। जिसके बाद जिला अस्पताल प्रशासन ने बीआरडी रेफर करने के कागजात बनाए और 108 एंबुलेंस उपलब्ध कराई।
देर रात नौ बजे के करीब परिजन संक्रमित को लेकर फिर बीआरडी पहुंचे, जहां उन्हें दोबारा भर्ती करने से मना कर दिया गया है।
देर रात मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में लाया गया उसके बाद 11.25 बजे एसडीएम गौरव सिंह सोगरवाल एक निजी अस्पताल पहुंचे। यहां एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद बुजुर्ग महिला को भर्ती किया गया।
बीआरडी के तरफ से बताया गया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोविड वार्ड फुल हो गया है। 40 बेड के वेंटीलेटर भी फुल हैं। इसकी वजह से मरीज को भर्ती नहीं किया गया है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गयी है।
जब तक वेंटीलेंटर खाली नहीं होंगे, तब तक गंभीर मरीजों को भी हम लोग भर्ती नहीं कर सकते हैं। सबसे मेडिकल कॉलेज सीधे रेफर करने के लिए मना किया जा रहा है, फिर भी लोग मान नहीं रहे हैं।
इसके बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि अस्पताल प्रशासन पहले सीएमओ को सूचना देगा। सीएमओ जहां कहेंगे वहीं मरीज को अस्पताल रेफर करेंगे।
इस मामले में अस्पताल संचालक को निर्देशित किया गया है कि वह मरीज को भर्ती करें। जब तक बीआरडी में बेड नहीं खाली होंगे, तब तक उसका इलाज अस्पताल प्रशासन करेगा।
इस मामले से यह तो तय हो गया है कि गोरखपुर में कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था चरमराने लगी है। अगर आप कोरोना पॉजिटिव पाए गए और आपको कोरोना के कोई लक्षण भी है तो आप को गोरखपुर में इलाज पालन के लिए काफी मशक्कत करनी होगी।