गोरखपुर। शहर के तारामंडल स्थित शिवाय हॉस्पिटल ने उस एंटी बॉडी किट से 75 वर्षीय बुजुर्ग की जांच कर दी जिस पर आईसीएमआर ने पूरे देश में रोक लगा रखी है। जांच में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जबकि बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव निकला।
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शुक्रवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में बुजुर्ग की मौत हो गई। गौर करने की बात यह है कि शहर की तमाम निजी पैथालॉजी में बिना अनुमति के ही इसी प्रतिबंधित जांच किट से कोरोना की जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, हांसूपुर के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत थी। एक सप्ताह पहले बुजुर्ग के परिजन तारामंडल के शिवाय हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले गए।
इस बीच बगैर आईडी जनरेट किए और जांच की अनुमति के बिना ही हॉस्पिटल ने मरीज की एंटी बॉडी किट से कोरोना जांच कर दी। किट से जांच के नाम पर 3500 रुपये लिए वसूले लिए, जबकि पूरे देश में इस किट से जांच पर आईसीएमआर ने रोक लगा रखी है।
किट की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी आने के बाद ही इस पर रोक लगाई गई थी। बताया जाता है कि हॉस्पिटल की अपनी पैथालॉजी है। उसी पैथालॉजी से जांच की गई है, जबकि पैथालॉजी को जांच की अनुमति भी नहीं है।
परिजनों का कहना है कि जब जांच की अनुमति नहीं थी और किट से जांच बंद है, तो जांच कैसे कर दी गई? उस पर रिपोर्ट भी निगेटिव बताई गई। ऐसे में कहीं न कहीं विभाग की मिलीभगत भी है।
बताया जा रहा है कि इस तरह शहर के कई पैथालॉजी भी चोरी छिपे जांच कर रहे हैं। इसके बाद भी विभाग कार्रवाई करने के बजाए शिकायत के इंतजार में बैठा है।
दूसरी बात यह भी है कि आखिर यह किट पैथालॉजी को कहां से मिली? बता दें कि आईसीएमआर ने शहर में केवल तीन लैब को जांच की अनुमति दी है। वह भी आरटीपीसीआर और ट्रूनेट मशीन से।
बाकी दो कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं, जो गुरुग्राम और नोएडा में आरटीपीसीआर से जांच कराते हैं। इस इस मामले के सामने आने के बाद इस आरोप में दम लगता है कि विभाग के शह पर ही इस तरह की जांच की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के निजी लैबों को केवल आरटीपीसीआर और ट्रूनेट से जांच की अनुमति दी गई है।
एंटी बॉडी किट से जांच पर पूरे देश में रोक है। अगर किसी लैब ने एंटी बॉडी रैपिड किट से जांच की है, तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।