पनियरा। पनियरा के समाजसेवी इंजीनियर आकाश जायसवाल जो 2012 में एनआईटी जयपुर से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी सीमेंन्स-ऐटास में कार्यरत थे। 2015 में इनके माता की किडनी अचानक खराब हो गई
जिनके इलाज के खातिर नौकरी छोड दी, और किडनी देकर अपनी मां को पुनः जीवन देने का काम किया। और अपने मां को बचाने में सफल हुए। और नौकरी छोड़कर मां की सेवा में लग गए।
वही पनियरा क्षेत्र मे समाज सेवा के रूप में काम करना शुरू किया, इसी क्रम में 3 फरवरी 2020 को पनियरा क्षेत्र के सद्गुरु मुजरी का महज 10 वर्ष का बच्चा जो कक्षा तीन में पढता है जिसका नाम लकी मद्धेशिया पुत्र लक्ष्मण मद्धेशिया है गरीब परिवार का यह बच्चा *एप्लास्टिक एनीमिया* (ब्लड कैंसर ) रोग से ग्रसित था। जिसकी जानकारी इन्हें मिली जिसके इलाज में 15 से 20 लाख रुपए खर्च होना था। लकी का परिवार पूरी तरीके से टूट चुका था कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी आयुष्मान कार्ड भी रिजेक्ट हो गया था।
समाजसेवी इंजीनियर आकाश जायसवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से 3 फरवरी 2020 को एक कैंपेन की शुरुआत किया। जो धीरे-धीरे बहुत बड़ा रूप लेने लगा क्षेत्र के समस्त क्षेत्रवासीयो ने बढ़-चढ़कर के हिस्सा लेने लगे। पदयात्रा के माध्यम से ,विद्यालयों के माध्यम से हर तबके के लोगों ने इस कैंपेन को सफल बनाया और 19 फरवरी 2020 तक 4 लाख रूपया का इंतजाम हो गया जिससे कि बच्चे की इलाज निरंतर चलती रही। इसी बीच इंजीनियर आकाश जायसवाल में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्यसभा सांसद श्री संजय सिंह से मुलाकात कर इस विषय पर पूरी चर्चा किया जिसके बाद दिल्ली सरकार ने एक निजी अस्पताल मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत नई दिल्ली से बोन मैरेव ट्रांसप्लांट करा कर इलाज कराने हेतु आश्वासन एवं अप्रूवल लेटर दिया। जिसके बाद क्षेत्र के समस्त क्षेत्रवासियों में उम्मीद की किरण जग गई कि इस बच्चे की जान बचाई जा सकती है।
जिस तरह अभियान में लोगों ने बढ़ चढ़कर के हिस्सा लिया यह भी अपने क्षेत्र में पहली बार ऐसी मुहिम चली जो काबिले तारीफ है। पनियरा से इस मुहिम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अख्तर खान, भोला जायसवाल, रामकरन जायसवाल, तालिब अंसारी, प्रदीप जायसवाल, विजय रौनियार, अशोक मद्धेशिया, आलोक, मर्चेंट नेवी के अभिषेक सिंह आदि लोगों ने और मुजरी में अंकित जायसवाल, आलोक जायसवाल, दिलीप जायसवाल मुनीब चौहान, मोबीन खान आदि लोगों ने निभाई जिससे कि इतना सारा फंड इकट्ठा हो सका।हमारे एक सैनिक कैप्टन राजेश बलवान जी ने अकेले 20000 देकर अहम आर्थिक सहयोग किया।