सामान्यतः गोरखपुर में मानसून 15 जून के बाद ही आता है, लेकिन पिछले दो दिनों रुक रुक कर हो रही बारिश इस बार पहले ही मानसून एहसास दिलाने लगी है। रविवार को आधी रात के बाद जिले में तेज आंधी के बीच झमाझम बारिश हुई।
शहर के कई इलाकों में पानी लग गया। वहीं, तेज हवाओं की वजह से कई इलाकों में पेड़ की डाल टूट कर सड़क पर और बिजली के तारों पर गिर पड़ीं। सूरजकुंड जैसे कई इलाकों में घंटों बिजली कटी रही।
एक के बाद एक आने वाले पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक बारिश देते रहेंगे। दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना। #WeatherUpdate #WeatherForecast #monsoon #Monsoon2021 https://t.co/9vWoRG8b3x
— SkymetWeather (@SkymetWeather) May 11, 2021
गोरखपुर एनवायरमेंटल एक्शन ग्रुप के मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडे ने अमर उजाला से बात करते हुए बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय सिस्टम की वजह से चक्रवाती हवाएं चल रही हैं।
इसमें मौजूद नमी के कारण गरज के साथ बारिश हो रही है। रविवार रात से लेकर सोमवार तक लगभग 25 मिलीमीटर बारिश हो गई।
उन्होंने बताया कि 12 मई से लगातार तीन दिन आंधी-बारिश की संभावना है। दरअसल जम्मू कश्मीर के ऊपर मंगलवार को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। यह काफी मजबूत है।
इसकी वजह से गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में अच्छी खासी बारिश की संभावना है। 12 मई को थोड़ी कम, लेकिन 13 और 14 मई को 20 से 25 मिलीमीटर बारिश हो सकती है।
वहीं बात करें मानसून की तो इस बार मानसून के 15 जून को गोरखपुर पहुंचने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गोरखपुर में सामान्य मानसून रहने के आसार हैं। गोरखपुर एनवायरमेंटल एक्शन ग्रुप के मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडे का कहना है कि पिछले कई वर्षों से लगभग यही ट्रेंड बना हुआ है।
कैलाश पांडे ने बताया कि मई में औसतन 45 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन, इस बार 10 दिन में ही तकरीबन 35 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। अगर खेती के लिहाज से देखा जाए तो यह काफी फायदेमंद है।
खेतों में गन्ना और मकई की फसलें लगी हैं। किसानों को सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ेगी। मकई में अभी बालियां नहीं आई हैं। ऐसे में ओले से भी मकई के फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा।