सावधान! वरना गांवों की हो सकती भयावह स्थिति

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अखिलेश पाण्डेय, गोरखपुर। मुंबई और दिल्ली जैसे कोरोना हॉट स्पॉट से बेतहासा यूपी अपने गांव पहुंच रहे लोगो की न तो जांच हो रही है और न ही उन्हें क्वारंटीन किया जा रहा है। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नही जब महामारी का भयावक रूप गांवो में भी देखने को मिले।

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भारत में ही नही बल्कि संपूर्ण विश्व मे कोरोना वायरस की महामारी का भयानक तांडव देखने को मिल रहा है। मुंबई और दिल्ली में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से डरे सहमें लोगों के सब्र का बांध टूट गया तो वह गांवो की तरफ अपना रुख कर लिया है। हजारो की संख्या में पैदल तो कोई साइकिल से तो सैकड़ो, हजारों लोग ट्रक, टैंपो, ऑटोरिक्शा, ठेला से ही जैसे तैसे गांव भागे जा रहे हैं।

कितने लोग गांव पहुंचे की जद्दोजहद में बेदम होकर रास्ते में ही दम तोड़ दे रहे हैं, ऐसी दयनीय स्थिति ईश्वर करें कभी देखने, सुनने को न मिले। बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं सैकड़ो की संख्या में अपने गांव पहुंच जाना चाहते हैं। उनकी भावुक व्यथा सुनकर अंतर्मन पीड़ा से भर जाता है।

गांव पहुंच रहे लोगो के लिए प्रशासन के पास न जांच की सुविधा हैं न ही उन्हें क्वारंटीन करने की कोई समुचित जगह है, जिसके चलते थके हारे प्रवासी अपने घरों में घुस रहे है।

ऐसे दुर्दैव वक्त में लोकसेवक लापता हैं। समय रहते यदि प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहो उठाया तो गांवो को मरघट बनने में देर नही लगेगी। जिस जिले में एक भी वेंटीलेटर न हो वहां कोरोना मरीजो का इलाज कैसे होगा ? यह सोचने और समझने की बात है।

इस समय काफी संख्या में महाराष्ट्र ,गुजरात व अन्य राज्य के लोग आ रहे हैं । कुछ चोरी-छिपे आ रहे हैं तो कुछ ट्रेन से आ रहे हैं, कुछ बसों से तो कुछ निजी साधनों से गांव में पहुंच रहे हैं । उन्हें अपने घरों में 21 दिनों तक होम क्वारंटीन रहना होगा।