लखनऊ। यूपी के हमीरपुर में छुट्टी पर घर आए बीएसएफ जवान से मारपीट करने पर तत्कालीन इंसपेक्टर, सब इंस्पेक्टर सहित छह सिपाहियों को महंगा पड़ गया है।
अदालत ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। 20 जनवरी को आए इस आदेश के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
आपको बता दें कि बीएसएफ जवान से पुलिसकर्मियों द्वारा की गई मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था इसके बाद एसपी ने दरोगा को निलंबित कर दिया था।
अब इस मामले में अन्य अदालत ने कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।
मौदहा कस्बे के हुसैनगंज मोहल्ला निवासी रमजान ने बताया कि उसका पुत्र मोहम्मद शाहिद उर्फ छोटू बीएसएफ में है, उसकी पोस्टिंग दिल्ली में है। 19 सितंबर 20 को एक सप्ताह के अवकाश पर घर आया था।
तब मोहल्ला निवासी ट्रक मालिक फहीम, शहजाद खां व अन्य ने उसके पुत्र को बताया कि स्थानीय पुलिस क्षेत्र से निकलने वाले ट्रकों से चालान का भय दिखाकर अवैध वसूली करती है।
इस बात को लेकर बीएसएफ जवान शाहिद ने 24 सितंबर को सीओ मौदहा व तहसीलदार से फोन पर वार्ता की। जिसमें अधिकारियों ने उससे अभद्रता की।
जिस पर फौजी ने डीआईजी व डीजीपी से मामले की शिकायत की थी। डीजीपी व डीआईजी ने मामले की गुप्त जांच कराई।
जांच होने की सूचना सीओ व तहसीलदार को होने पर कोतवाली के एसआई गुलाब सिंह आधा दर्जन सिपाहियों को लेकर फौजी के घर जा धमके और उसे धमकाया था।
पिता ने बताया कि 26 सितंबर की रात पुलिस उसके घर आई और पुत्र को पकड़कर कोतवाली ले गई। जहां उसके साथ मारपीट की गई। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था।
सात अक्तूबर को जमानत पर फौजी जेल से बाहर निकला, तब फौजी ने अपना जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया। जिसमें उसके कई गंभीर चोटे आई थी। हाथ का अंगूठा भी फ्रैक्चर था।
मामले की तहरीर कोतवाली में दी। मगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। तब पीड़ित ने अदालत की शरण ली। अदालत ने फौजी के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर सुनवाई की।
जिसमें कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को आदेशित किया कि प्रार्थना पत्र में दर्शित तथ्यों के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार विवेचना की जाए।