लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की भर्ती पर एक कोर्ट ने एक बार फ़ी रोक लगा दी है। बुधवार से भर्ती को लेकर काउंसलिंग शुरू होनी थी, लेकिन फिलहाल इस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
हाई कोर्ट ने कहा कि विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को अभ्यर्थी एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करें। सरकार आपत्तियों को निस्तारण के लिए यूजीसी को भेजे। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 जुलाई रखी गई है।
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में 69,000 शिक्षकों की भर्ती का मामला निपटने का नाम नहीं ले रहा। तमाम इंतजार के बाद बुधवार से राज्य के सभी डायटों पर काउंसलिंग शुरू होनी थी लेकिन उससे पहले ही हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर की गई याचिका को लेकर हाई कोर्ट ने यह रोक लगाई है।हाई कोर्ट लखनऊ की बेंच में कोर्ट नंबर 26 में मामले की सुनवाई की गई।
यह याचिका अमिता त्रिपाठी और अन्य की ओर से दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर एक्सपर्ट ओपिनियन लिया जाएगा। एक्सपर्ट का ओपिनियन आने के बाद अब आगे फैसला होगा।
क्या है मामला?
दरअसल बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए छह जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा कराई गई थी। इन पदों के लिए करीब चार लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।
परीक्षा के बाद सरकार ने भर्ती का कटऑफ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत की अनिवार्यता के साथ तय की थी। इस आदेश को लेकर अभ्यार्थियों ने हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी थी।