खजनी/गोरखपुर। त्रिस्तरीय चुनाव सम्पन्न होने के बाद यूपी में ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद के लिए सरगर्मीयाँ तेज हो गई है।
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हलाकि अभी इस चुनाव को कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के कारण रोक लगा दिया गया है। लेकिन प्रत्याशी कहां मानने वाले हैं। वह तो जीतने के लिए हमेशा जोर जबरजस्ती अजमाने में लगे रहते हैं।
ऐसा ही मामला बासगांव ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम रतसही के नवनिर्वाचित बीडीसी सदस्य के साथ घटा है।
उन्होंने आरोप लगाया की बासगांव ब्लाक से ब्लाक प्रमुख पद के प्रत्याशी मनीष सिंह वार्ड नं 43 से निर्वाचित महिला क्षेत्र पंचायत सदस्य इंद्रावती देवी पत्नी शिव चरन पाल के घर 8 मई की रात में अपने समर्थक के साथ आकर जोर जबरदस्ती से इंद्रावती देवी का निर्वाचित प्रमाण पत्र छीन ले गए।
जाते समय दरवाजे पर अपना चेक फेंक कर चल दिए। इस दौरान बीडीसी इंद्रावती देवी के घर कोई पुरुष मौजूद नहीं था।
सुबह जब इंद्रावती देवी के पति घर पहुंचे तो उन्होंने जबरजस्ती प्रमाण पत्र छीन ले जाने वाले मनीष सिंह को फ़ोन किया की आप अपना चेक लेकर जाइए और हमारा प्रमाण पत्र वापस करिए।
लेकिन दबंग प्रमुख प्रत्याशी ने देने से मना कर दिया।
थक हार कर इंद्रावती देवी ने खजनी थाना प्रभारी को शिकायत पत्र देकर अपने निर्वाचित प्रमाण पत्र की वापसी और कार्यवाही की मांग की है।
इसके पहले इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। ग्राम भूसवल के निर्वाचित बीडीसी जय प्रकाश पुत्र रघुनाथ के घर 17500 रूपया फेंक कर निर्वाचन प्रमाण पत्र छीन लिया गया था।
बीडीसी ने प्रभारी बासगाव को प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई गई थी। जब बासगांव प्रभारी हरकत में आए तो भूसवल के पीड़ित बीडीसी को उनका प्रमाण पत्र मिला।
अब देखना यह है कि ग्राम रतसही के बीडीसी को खजनी पुलिस निर्वाचन प्रमाण कब दिलाती है।
इस संदर्भ में थानाध्यक्ष खजनी ने बताया कि शिकायत मिली है। दोनों पक्षों को बुलवाया गया है। वहीं आरोपी पक्ष कल आने को कहा है।
वहीं जिस पर आरोप लगा है उन्होंने कहा कि बीडीसी मेंबर ने प्रमाण पत्र स्वेच्छा से हमें रखने के लिए दिया था। पता नहीं क्यों अब वह इस तरह का आरोप लगा रहे हैं। अगर ऐसा इनका आरोप है तो प्रमाण पत्र उनको दे दिया जाएगा।