गोरखपुर। डीडीयू यूनिवर्सिटी की एग्जाम कमेटी ने शनिवार को कोविड 19 परीक्षा एवं परिणाम नियमावली 2020 को मंजूरी दे दी। साथ ही बीए, बीएससी, बीकॉम प्रथम वर्ष और एमए, एमकॉम के 1st ईयर के स्टूडेंट्स को प्रमोट कर दिया गया। ग्रेजुएशन सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को भी प्रमोट किया गया है।
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कमेटी के फैसले का लाभ गोरखपुर विश्वविद्यालय कैम्पस और डीडीयू से एफिलेटेड गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया के सभी कॉलेजों के दो लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिलेगा। यह नियम रेगुलर और प्राइवेट सभी स्टूडेंट्स पर लागू होगा।
ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर का एग्जाम कराने के लिए प्रशासन को प्रपोजल भेजा गया है। शासन की अनुमति के बाद ही परीक्षाएं कराई जा सकेंगी। सितंबर के पहले सप्ताह तक परीक्षा शुरू होने की उम्मीद है।
परीक्षा समिति की बैठक शनिवार को कुलपति प्रो. वीके सिंह की अध्यक्षता में हुई। तय हुआ कि विश्वविद्यालय की फाइनल ईयर और फाइनल सेमेस्टर को छोड़कर सभी तरह की परीक्षाएं स्थगित रखी जाएं।
जिन विद्यार्थियों की सभी परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनकी कॉपियों की जांच होगी। पहले के नियमों के हिसाब से परिणाम घोषित किया जाएगा।
यदि विद्यार्थी बैक पेपर के लिए अर्ह हैं तो उन्हें अगली कक्षा में भेजा जाएगा। बैक पेपर की अर्हता न रखने और अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को फेल माना जाएगा।
औसत अंक से संतुष्ट न होने वाले विद्यार्थी 2021 की परीक्षा देकर अंकों का सुधार करा सकते हैं। बीएससी कृषि चतुर्थ वर्ष को छोड़कर सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेजने पर मुहर लगी है।
स्नातक और परास्नातक की सेमेस्टर परीक्षा व परिणाम के मानक भी तय कर दिए गए हैं। इसके मुताबिक पिछले सेमेस्टर में उत्तीर्ण प्रश्नपत्रों के प्राप्तांको के औसत अंक के आधार पर परिणाम घोषित किया जाएगा।
परीक्षाओं के औसत अंक निर्धारण के लिए सैद्धांतिक व प्रायोगिक विषयों के अंक अलग-अलग लिए जाएंगे। सीबीसीएस प्रणाली के अंतर्गत द्वितीय सेमेस्टर हेतु आंतरिक मूल्यांकन के अंक प्रथम सेमेस्टर में प्राप्तांको का औसत अंक अंकित किया जाएगा।
अगली कक्षा में भेजने या फिर परीक्षा के उत्तीर्ण किए जाने के मानक
बीए, बीएससी, बीकॉम और बीएससी (गृह विज्ञान) प्रथम वर्ष
जिन विषयों और उनके प्रश्नपत्रों की परीक्षा हो चुकी है, उनकी उत्तर पुस्तिकाएं जांची जाएंगी। पहले से निर्धारित नियमों के मुताबिक अंक प्रदान किए जाएंगे।
जिस विषय या प्रश्नपत्र की परीक्षा नहीं हो सकी, उनके सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाए। ऐसे प्रश्नपत्रों में कोई अंक नहीं दिए जाएंगे।
प्रथम वर्ष में प्रोन्नति पाने वाले विद्यार्थियों की
अंकतालिका 2021 की मानकर तैयार की जाएगी। यदि कोई विद्यार्थी 2021 की परीक्षा में फेल हो जाता है तो वह 2022 की परीक्षा में द्वितीय वर्ष का माना जाएगा लेकिन सभी सैद्धांतिक विषयों में प्राप्त औसत अंक प्रथम वर्ष के बचे हुए प्रश्नपत्रों का प्राप्तांक कहा जाएगा।
बीए, बीएससी, बीकॉम और बीएससी (गृह विज्ञान) 2nd ईयर
जिन विषयों और उनके प्रश्नपत्रों की परीक्षा हो चुकी है, उनकी उत्तर पुस्तिकाएं जांची जाएंगी। पहले से निर्धारित नियमों के मुताबिक अंक प्रदान किए जाएंगे।
प्रथम वर्ष के जिन विषयों या प्रश्नपत्रों की परीक्षा नहीं हो सकी, उनके सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा। ऐसे प्रश्नपत्रों में कोई अंक नहीं दिए जाएंगे।
प्रथम वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांक को ही द्वितीय वर्ष में उत्तीर्ण होने का आधार माना जाएगा।
एमए/एमकॉम प्रथम वर्ष
जिन विद्यार्थियों के एक भी विषय की परीक्षा नहीं हुई है, उन सभी को अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाएगी।
जिन विषयों और उनके प्रश्नपत्रों की परीक्षा हो चुकी है, उनकी उत्तर पुस्तिकाएं जांची जाएंगी। पहले से निर्धारित नियमों के मुताबिक अंक प्रदान किए जाएंगे।
प्रथम वर्ष में प्रोन्नति पाने वाले विद्यार्थियों की अंकतालिका 2021 की मानकर तैयार की जाएगी।
यदि कोई विद्यार्थी 2021 की परीक्षा में फेल हो जाता है तो वह 2022 की परीक्षा में द्वितीय वर्ष का माना जाएगा लेकिन सभी सैद्धांतिक विषयों में प्राप्त औसत अंक प्रथम वर्ष के बचे हुए प्रश्नपत्रों का प्राप्तांक कहा जाएगा।
द्वितीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा में मिले अंकों को ही प्रथम वर्ष की संगत विषयों के उत्तीर्ण का आधार माना जाएगा।
एलएलबी तीन वर्षीय
द्वितीय सेमेस्टर का परीक्षाफल प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के उत्तीर्ण प्रश्नपत्र या फिर ट्यूटोरियल के औसत अंकों से तैयार किया जाए। सैद्धांतिक और ट्यूटोरियल के अंक अलग-अलग जोड़े जाएंगे।
चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षाफल तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा के उत्तीर्ण प्रश्नपत्र या फिर ट्यूटोरियल के औसत अंकों से तैयार किया जाए। सैद्धांतिक और ट्यूटोरियल के अंक अलग-अलग जोड़े जाएंगे।
छठवें सेमेस्टर की परीक्षा शासन के निर्देशानुसार कराई जाएगी।
बीए एलएलबी ऑनर्स (पांच वर्षीय)
द्वितीय सेमेस्टर का परीक्षाफल प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के उत्तीर्ण प्रश्नपत्र या फिर ट्यूटोरियल के औसत अंकों से तैयार किया जाए। सैद्धांतिक और ट्यूटोरियल के अंक अलग-अलग जोड़े जाएंगे।
तृतीय सेमेस्टर का परीक्षाफल द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के उत्तीर्ण प्रश्नपत्र या फिर ट्यूटोरियल के औसत अंकों से तैयार किया जाए। सैद्धांतिक और ट्यूटोरियल के अंक अलग-अलग जोड़े जाएंगे।
एमएससी प्रथम वर्ष (कृषि-भूतपूर्व छात्र व छात्राएं)
सभी विद्यार्थियों को प्रोन्नति देकर अगली कक्षा में भेजने का फैसला। द्वितीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा में मिले सर्वाधिक अंकों को प्रथम वर्ष के औसत अंक के रूप में भी स्वीकार किया जाएगा।
बीएड प्रथम व द्वितीय वर्ष
आंतरिक मूल्यांकन में प्राप्त अंकों के आधार पर बीएड प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का फैसला।
प्रयोगात्मक परीक्षा में अभी कोई अंक नहीं प्रदान किया जाएगा। बीएड प्रथम वर्ष के अंकपत्र द्वितीय वर्ष में प्राप्त अंकों के आधार पर ही तैयार किए जाएंगे।
बीएड द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम पर कोई फैसला नहीं हुआ। इस पर अंतिम फैसला शासन को लेना है।
बीपीएड प्रथम
बीपीएड प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में भेजने का निर्णय। प्रयोगात्मक परीक्षा में अंक नहीं मिलेंगे। द्वितीय वर्ष में मिले अंकों को औसत मानकर ही प्रथम वर्ष की अंकतालिका तैयार की जाएगी।
बीपीएड द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम पर कोई फैसला नहीं हुआ। इस पर अंतिम फैसला शासन को लेना है।
एमए व एमएससी (कृषि) द्वितीय वर्ष
एमए समाजशास्त्र, प्राचीन इतिहास, अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र की परीक्षाएं शासन के निर्देशों के अनुसार कराई जाएंगी। यही व्यवस्था एमएससी कृषि की परीक्षा में लागू रहेगी। प्रथम वर्ष से संबंधित विषयों या प्रश्नपत्रों की प्रायोगिक परीक्षा में प्राप्तांक को ही द्वितीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने का आधार माना जाएगा।
मार्कशीट पर लगेगी फोटो
गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के अंकपत्र पर अब फोटो लगेगी। इस फैसले पर कुलपति प्रो. वीके सिंह ने शनिवार को मुहर लगा दी है। फोटोयुक्त अंकपत्र से फर्जीवाड़े की गुंजाइश कम हो जाएगी। प्रमाणपत्रों पर भी विद्यार्थियों की फोटो लगेगी।