आखिर अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ क्यों हो गए अन्य विधायक और सांसद?

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गोरखपुर। गोरखपुर में अभियंता केके सिंह के ट्रांसफर का मुद्दा अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। जहां एक ओर नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य को अभियंता केके सिंह के ट्रांसफर को लेकर मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा तो वहीं दूसरी ओर इन्हीं के पार्टी के अन्य विधायक इसके खिलाफ हो गए। हालांकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य ने अभियंता को लखनऊ अटैच भी कर दिया था लेकिन अगले ही दिन सदर सांसद रवि किशन ने केके सिंह के पक्ष में डिप्टी सीएम को पत्र लिख दिया।

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यही नहीं सहजनवां विधायक शीतल पांडेय और पिपराइच विधायक महेंद्र पाल सिंह ने भी केके सिंह के पक्ष में पत्र लिख दिया। फिर क्या था ये पूरा मामला चर्चा का विषय बन गया। हालांकि शीतल पांडेय ने इस बारे में कहा है कि पत्र के बारे में मुझे कुछ नहीं पता।

नगर विधायक राधा मोहन के खिलाफ सांसद और विधायकों के पत्र ने सभी को सोच में डाल दिया कि आखिर एक अधिकारी के तबादले को लेकर अपनी ही पार्टी में बगावत क्यों? ये सब चल ही रहा था तभी आज दिन में बांसगांव सांसद कमलेश पासवान राधा मोहन के पक्ष में उतर आये।

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उन्होंने कहा मैं राधा मोहन अग्रवाल के साथ हूं, अभियंता केके सिंह को हटाना ही चाहिए। अब अभियंता के ही बहाने सही ये जंग दो गुट में बंट गयी है। सूत्रों की मानें तो असल में ये जंग 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर है। काफी दिनों से राधा मोहन और कमलेश पासवान की बगावती तेवर ऐसा दर्शाती है कि अब ये पाला बदलने की फिराक में है।

माना जा रहा है कि जल्द ही ये लोग सपा का दामन भी थाम सकते हैं।

खैर अब जिस तरीके से राधा मोहन के खिलाफ उन्हीं के दो विधायकों ने पत्र लिखा है तो कहीं न कहीं सवाल ये भी है कि ये पत्र खुद से लिखा गया है या फिर ऊपर से किसी ने पत्र लिखने को कहा? आब देखना दिलचस्प होगा कि इस पूरे मामले पर होता क्या है?

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