पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा आयोजित धरने और बैठक में भाग लेकर दिल्ली से लौटे परिषद के अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव
गोरखपुर। 6 मई राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा 1 मई को दिल्ली के जंतर मंतर में धरना और 06 मई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कर्मचारी नेता वापस आकर परिषद के कैंप कार्यालय पर बैठक किए, बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव और संचालन मंत्री श्री अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने किया।
बैठक को संबोधित करते श्री रूपेश कुमार श्रीवास्तव,अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने कहा पुरानी पेंशन के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार हो चुकी है, दिल्ली में एक बैनर के नीचे आकर देश के सभी कर्मचारी संगठन के नेताओं ने साबित कर दिया कि अब हमसे हमारा अधिकार को छीन नही सकता है, उन्होंने बताया कि NFIR पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली संयुक्त मंच द्वारा तय किया गया है कि अगर सरकार शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो मानसून सत्र में देश के लाखो कर्मचारियों द्वारा संसद का घेराव किया जाएगा, पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन के क्रम में 21 मई को पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ भवन के सामने से मशाल जुलूस निकाला जाएगा जिसमें केंद्र और राज्य के सभी संगठनों कर्मचारी रहेगें।
उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ल ने कहा की सरकार हमें हमारी पेंशन लौटाए अन्यथा अपनी नियत साफ करें और बताएं कि बुढ़ापे में कर्मचारियों को रोटी देना चाहती है या उसके हाथ में भीख का कटोरा पकड़ाना चाहती हैं, क्योंकि अगर बुढ़ापे में पेंशन नहीं मिलेगी तो कर्मचारी भीख मांगने के लिए बाध्य होगा। बुढ़ापे में उससे कुछ काम तो हो नहीं सकेगा इसलिए कर्मचारी के सामने भीख मांगने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि सरकार एक तरफ जहां अर्थव्यवस्था का रोना रो रहे है वहीं दूसरी तरफ नेताओं को चार– चार पेंशन दे रहे हैं, हम यह पूछना चाहते हैं कि अपने पूरे जवानी देश हित में खपा देने वाला कर्मचारी अगर पेंशन का हकदार नहीं है तो 5 साल काम करने वाला विधायक/सांसद पेसन के लिए कैसे हकदार हो जाता है।