वायु प्रदूषण से बचाव कर खुद की और भावी पीढ़ी की करें रक्षा- डॉ.आशुतोष दूबे

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‘‘क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काइज’’ के तहत सीएमओ ने की अपील

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सात से दस सितम्बर तक चल रहा है जागरूकता अभियान

गोरखपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने तीसरे अन्तर्राष्ट्रीय ‘‘क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काइज’’ अभियान के तहत वायु प्रदूषण से बचाव की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सात से दस सितम्बर तक चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत वायु प्रदूषण से बचाव का संकल्प लेना होगा। इससे हम खुद की और भावी पीढ़ियों की कई प्रकार की बीमारियों से रक्षा कर सकेंगे।

श्वसन रोग विशेषज्ञ और सीएमओ डॉ दूबे का कहना है कि अगर वायु प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, चलने पर थकावट और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखें तो तत्काल सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। इन लक्षणों का निःशुल्क इलाज उपलब्ध है और इनका समय से इलाज होना आवश्यक है ।

मास्क का इस्तेमाल न सिर्फ कोविड व टीबी के संक्रमण से बचाव करता है बल्कि वायु प्रदूषण से भी बचाव में सहायक है । तीसरे अन्तर्राष्ट्रीय ‘‘क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काइज’’ दिवस की थीम ‘‘द एयर वी शेयर-कीप इट क्लिन’’ है। इसका आशय है कि सभी लोग मिलकर हवा की शुद्धता सुनिश्चित करें ताकि विभिन्न बीमारियों से बचाव किया जा सके । इस संबंध में सीएमओ कार्यालय के लोगों को शपथ भी दिलाई गयी है और सभी स्वास्थ्य केंद्रों को पत्र भेजकर लोगों को जागरूक करने के लिए कहा गया है। बैनर और पोस्टर आदि की मदद से लोगों के बीच जागरूकता लाई जाएगी ।

डॉ दूबे ने बताया कि श्वसन रोग के मरीजों, पांच वर्ष से छोटे बच्चों, हृदय रोग के मरीजों, गर्भवती व बुजुर्ग के लिए वायु प्रदूषण उच्च जोखिम भरा है। इससे आंखों में जलन, श्वसन रोग, त्वचा रोग और हृदय रोग होता है। इस कारण ग्लोबल वार्मिंग, अम्लीय वर्षा, स्मॉग, कृषि भूमि के क्षरण, जीवों का विलुप्तीकरण और भवनों के क्षरण जैसी समस्याएं भी आ रही हैं। इससे बचाव के लिए सार्वजनिक परिवहन के प्रयोग, धुंआ रहित ईंधन के प्रयोग, अधिकाधिक पौधारोपण, उद्योगों के अपशिष्ट गैस के ट्रीटमेंट के बाद ही निष्कर्षण, पटाखा, कूड़ा, पत्ती, पराली न जलाना और घरों की खिड़कियां सुबह शाम बंद रखने जैसे उपाय करने होंगे। सौर उर्जा व प्राकृतिक उर्जा का अधिकाधिक इस्तेमाल कर वायु प्रदूषण से बचा जा सकता है । अभियान के तहत ‘समझदार बने-वायु प्रदूषण से बचें’ जैसे स्लोगन के जरिये प्रचार प्रसार किया जा रहा है।