गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। कई दिनों से शोधार्थी धरने पर बैठे हैं। दीक्षांत भी इन्ही धरने के बीच संपन्न हुआ।
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उधर हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश भी अब खुलकर वीसी के विरोध में आ गए हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय को बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। प्रोफेसर कमलेश ने ‘वीसी हटाओ यूनिवर्सिटी बचाओ’ नाम से सत्याग्रह भी आज से शुरू कर दिया है।
इन सब घटनाक्रमों के बीच प्रोफेसर कमलेश को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित कर दिया है और पूरे विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
इसी बीच प्रो कमलेश कुमार गुप्त को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनपर लगे आरोप की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। जिसमें दो पूर्व कुलपति और एक कार्यपरिषद सदस्य शामिल है।
इसके साथ ही दो और शिक्षकों को भी कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है।
प्रो गुप्त पर आरोप लगाया गया है की विश्वविद्यालय के पठन पाठन के माहौल को खराब करने, बिना सूचना आवंटित कक्षाओं में न पढाने, समय सारिणी के अनुसार न पढाने, व असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए टिप्पणी करने, विद्यार्थियों को अपने घर बुलाकर घरेलु कार्य कराना तथा उनका उत्पीडन करना, जो विद्यार्थी उनकी बात नहीं सुनते है उसको परीक्षा में फेल करना करने की धमकी देने, महाविद्यालयों में मौखिकी परीक्षाओं में धन उगाही की शिकायत, विभाग के लडकियों के प्रति उनका व्यवहार मानसिक रूप से ठीक नहीं रहना एवं नई शिक्षा नीति, नये पाठ्यक्रम तथा सीबीसीएस प्रणाली के बारे में दुष्प्रचार करने, सोशल मीडिया पर बिना विश्वविद्यालय के संज्ञान में लाए भ्रामक प्रचार फैलाने, विश्वविद्यालय के अनुशासनहीनता एवं दायित्व निर्वहन के प्रति घोर लापरवाही तथा कर्तव्य विमुखता के लिए कुलसचिव की ओर से समय समय पर आठ नोटिस जारी किए गए हैं।
आरोप है की उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। उनके द्वारा लगातार सोशल मीडिया पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन और अधिकारियों की गरिमा को धूमिल किया जा रहा है।
इन सब आदेशों को देने के बाद दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश सिंह 12 दिनों के लिए अमेरिका टूर पर रवाना हो गए हैं।