यूपी में अब कोरोना संक्रमण के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों के लिए बनाए गए नियम-कानून में बदलाव होगा। कोरोना की दूसरी लहर में बार-बार वायरस का मिजाज बदला।
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होम आइसोलेशन के मरीजों को दिक्कतों से बचाने के लिए राज्य कोविड नियंत्रण विशेषज्ञ समिति होम आइसोलेशन की गाइडलाइन नए सिरे से तैयार कर रही है। दो से तीन दिन में 14 विशेषज्ञों की समिति शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। रोजाना 20 से 30 हजार लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं। सैकड़ों मरीजों की मौत हो रही है।
होम आइसोलेशन में कई मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसे में विशेषज्ञों ने होम आइसोलेशन के नियमों में तब्दीली की जरूरत बताई है।
समिति के अध्यक्ष व एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने कहा कि होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है।
ये होंगे बदलाव
– बुखार न आने की दशा में होम आइसोलेशन के मरीज 14 के बजाए 10 दिन में बाहर आ सकेंगे।
– दोबारा कोरोना जांच भी जरूरी नहीं होगी।
– होम आइसोलेशन के मरीज को भी स्टराइड दिया जा सकता है। यह डॉक्टरों की टीम तय करेगी। किन परिस्थितियों में मरीज को स्टराइड दिया जा सकता है।
– प्रोन वेंटिलेशन (पेट के बल लिटाने की प्रक्रिया) को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है।
– कोरोना मरीज जिस कमरे में रहेगा उसमें खिड़कियां होनी चाहिए ताकि हवा का आवागमन हो।
– सर्दी-जुकाम, बुखार गले में खराश आदि लक्षण होने पर होम आइसोलेशन की दवा देने की सलाह दी जा सकती है। ताकि जांच के इंतजार में मरीज को गंभीर होने से रोका जा सके।
– घर में रेमडेसिविर की मनाही होगी। इसे सिर्फ हॉस्पिटल में दिया जा सकेगा।