शव को नहीं था कोई कंधा देने वाला, पड़ोसियों ने मोड़ा मुँह, देवदूत बनकर आया “आजाद”
गोरखपुर। संवेदनहीनता की हद तक पार हो गई जब शव को कंधा देने ना कोई रिश्तेदार पहुंचा ना ही पड़ोसी हां हम बात कर रहे हैं गोरखपुर के पादरी बाजार स्थित मटरू की मटरू की कोरोना से मौत हो गई बरामदे में शव रखकर बेटी रिश्तेदारों व पड़ोसियों की गुहार लगा रही थी लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था कोई उसकी सुध लेने तक नहीं आया 70 वर्षीय मटरू को क्या पता था कि मरने के बाद उसके शव को न कंधा मिलेगा ना कफन।
घटना की सूचना पाकर आजाद पांडेय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और कफन व कंधे के साथ-साथ अंतिम संस्कार की भी रस्म पूरी की बताते चलें कि मटरू पादरी बाजार स्थित अपने मकान में अपनी बेटी के साथ रहता था बेटी के पति की मौत हो गई है मटरू बीमार थे घर पर अचानक बेहोश होकर गिर गए कुछ देर बाद उनकी मृत्यु हो गई बेटी चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन पड़ोसी तमाशा देखते रहे लोगों को आशंका था कि मटरू कोरोना संक्रमित हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई थी।
Gorakhpur live से बात करते हुए आजाद पांडेय बताते हैं कि मानवता ही मेरा धर्म है और ऐसे कार्यों के लिए मैं समाज में हूं ऐसे तमाम लोग इस वैश्विक महामारी कोरोना में ऐसी घटनाओं से दो-चार हो रहे हैं मैं उन लोगों के लिए हर समय हर वक्त समर्पित रहूंगा और रहने का प्रयास करूंगा जिनका कोई सहारा ना हो उन के लिए तो मैं आजाद हूं।