गोरखपुर। गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार को आयोजित महिला नसबंदी ऑपरेशन शिविर का आयोजन हुआ था। लेकिन नसबंदी ऑपरेशन के बाद वार्ड में पहुंची महिलाओं ने चिकित्सक पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया।
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चिकित्सक के दुर्व्यहार की बात सुनते ही परिजन नाराज हो गये और हंगामा करने लगे। मौके पर पंहुची पुलिस ने समझा बुझाकर परिजनों को शांत कराया। परंतु परिजन आरोपी डाक्टर पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
शनिवार को सीएचसी पर महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। सुबह ही अस्पताल परिसर में नसबंदी ऑपरेशन कराने के लिये महिलायें परिजनों के साथ पंहुच गयीं।
सभी जांच के बाद चिकित्सकीय टीम ने ओटी में ऑपरेशन शुरू किया। माहौल तब गरम हो गया जब नसबंदी ऑपरेशन के बाद वार्ड में पहुंची हबरूस की ज्योति चंद, बेलपार पाठक की आशा देवी तथा पाली की खशबू समेत कई महिलाओं ने चिकित्सक पर थप्पड़ मारने और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।
महिलाओं के गाल पर थप्पड़ का निशान देख परिजन भड़क उठे और हंगामा करने लगे। हंगामा बढता देख चिकित्सक ने 23 में से मात्र 18 महिलाओं के नसबंदी के बाद ऑपरेशन बंद कर दिया।
बाकी अन्य को बिना ऑपरेशन के ही वापस कर दिया गया। हबरूस की ज्योति चंद के गाल पर उभरे पांच उंगलियों के निशान देखने के बाद, उनके परिजन आरोपी चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
तीन बजे नसबंदी शिविर के समापन के बाद महिलाओं को 1400 रुपए प्रोत्साहन राशि सहित आवाश्यक नि:शुल्क दवाएं देकर डिस्चार्ज कर दिया गया।
महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन में सर्जन डा विरेंद्र कुमार, स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों समेत आशा कार्यकर्ता मौजूद रही।
इस संबंध में महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक डा विरेंद्र कुमार ने महिलाओं के आरोप को निराधार बताया तथा कहा कि दाई उनके गाल को सहला रही थी। वही निशान उन लोगों के गाल पर उभरा होगा।
महिलाओं से दुर्व्यवहार की शिकायत मिली है। ऐसा नही करना चाहिए। लेकिन ओटी के अंदर की शिकायत की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मामले की जांच के बाद शिकायत सही पाए जाने पर उच्चाधिकारियों के पास रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी।
-डा योगेंद्र नाथ सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी-गोला