गोरखपुर शहर कल से कोहरे की चादर में लिपटा नजर आ रहा है। कोहरा इतना घना था कि पास की चीजें भी नहीं दिखाई दे रहीं थीं।
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विजिबिलिटी कम होकर मात्र 25 मीटर के आसपास रह गई। कोहरे का असर हवाई जहाज, ट्रेन से लेकर सड़कों पर चलने वाले वाहनों पर भी नजर आया।
दृश्यता कम होने से पास की चीजें भी नजर नहीं आ रहीं थीं। ऐसे में सड़क पर लोग बहुत ही धीमी रफ्तार से हेडलाइट जलाकर चलने को मजबूर हुए।
सुबह तकरीबन 11 बजे कोहरा कुछ छंटा तो शहर की रफ्तार बढ़नी शुरू हुई। सड़क पर काफी संख्या में गाड़ियों दौड़ने लगीं, लेकिन ऊपरी वायुमंडल में भी पुरवा हवा चलने से आकाश पूरी तरह से साफ नहीं हो सका।
ऊपरी वायुमंडल में धुंध की ऐसी परत छाई रही कि पूरे दिन सूरज की तपिश महसूस नहीं हुई। इसकी वजह से कई लोग दिन में भी अलाव सेंकते नजर आए।
अगले कुछ दिनों तक इस तरह के मौसम से छुटकारा नहीं मिलने वाला है।
दरअसल बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनने और इसके बंगाल, झारखंड, बिहार होते हुए पूर्वी उत्तरप्रदेश की ओर से आने की वजह से वायुमंडल में नमी काफी ज्यादा बढ़ी हुई है।
सोमवार को जहां हवा में नमी 72 प्रतिशत थी, वह मंगलवार को बढ़कर 78 प्रतिशत हो गई। ऐसे में बुधवार को भी मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पुरवा हवा चलने और हवा में काफी ज्यादा नमी होने की वजह से अगले नौ और 10 दिसंबर को सुबह घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।
वहीं बीते सोमवार को जम्मू कश्मीर में एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से 10 दिसंबर से गोरखपुर समेत सभी मैदानी इलाकों में गलन बढ़ेगी।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में बना पश्चिमी विक्षोभ काफी सक्रिय है। इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के अलावा पंजाब हरियाणा और दिल्ली में अच्छी बारिश की भी संभावना है।
इसके बाद पछुवा हवा चलेगी। बारिश और हिमपात के बाद पछुवा हवा चलने से मैदानी इलाकों में काफी ठंड बढ़ेगी। दिन का तापमान भले ही सामान्य रहे, लेकिन रात के तापमान में गिरावट आएगी। गलन काफी बढ़ेगी।