आखिर कब होगी मुद्दे की बात, कब मिलेगा युवाओं को रोजगार?

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नीतीश गुप्ता, गोरखपुर। देशभर में कोरोना का कहर जारी है, लोग परेशान हैं किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा कि आखिर वो करे तो करे क्या? इस कोरोना की मार सबसे ज्यादा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार झेल रहा है क्योंकि बचत के नाम पर कुछ बचा नहीं है व्यापार ठप है परिवार चलाने की दिक्कत वो अलग। इन सब के बीच अगर सबसे ज्यादा कोरोना की मार कोई झेल रहा है तो वो है बेरोजगार युवा।

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बेरोजगार युवाओं को समझ नहीं आ रहा कि दिन कैसे काटें। जब कोरोना नहीं था तो भी नौकरी की आस लगाए इधर से उधर भटक रहे थे खैर अब तो कोरोना है। कहीं कुछ काम धाम है नहीं कि कोई कहीं जाए इंटरव्यू दे और नौकरी पाए। सरकार रोजगार के मामले में पहले ही फेल साबित हुई है खुद इनके मंत्री कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में बेरोजगारी दोगुनी बढ़ी है।

सरकार पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार देने में असक्षम दिखाई पड़ रही क्योंकि प्रदेश में युवाओं से फॉर्म तो भरवा लिया गया मगर अभी तक उसके पेपर नहीं हो सके। यही नहीं कई चीज के पेपर हुए भी तो कई सालों से रिजल्ट पेंडिंग है।

बेरोजगारी और सरकार के विरोध में बीते 5 सितंबर और 9 सितंबर को युवाओं ने थाली ताली पीटा था और दीया भी जलाया था जिससे सरकार की नींद खुले और वो युवाओं के बारे में सोचे।

पढा लिखा युवा इस समय सबसे परेशान है क्योंकि मौजूदा हालात में कहीं जा नहीं सकते हाथ में नौकरी है नहीं बस दिन भर घर पर तफरी काटना और फिर घर वालों के ताने सुनकर रात फिर बिस्तर थाम सो जाना।

विश्वविद्यालय से मास्टर्स की पढ़ाई खत्म कर सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले शिवेंद्र बताते हैं कि केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार रोजगार देने के मामले में शून्य है। सरकार छात्रों के हित के लिए कोई कदम नहीं उठा रही।