यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन विधायक जन्मेजय के निधन के कारण सदन की कार्यवाही शनिवार दोपहर 11 बजकर 23 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में ये फैसला लिया गया।
Advertisement
बता दें कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की सदर सीट के भारतीय जनता पार्टी के विधायक जन्मेजय सिंह का गुरुवार देर रात लखनऊ में हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे।
परिवार के लोगों ने बताया कि रात में उनकी तबीयत खराब होने पर पहले सिविल अस्पताल ले जाया गया।
इसके बाद रात दस बजे हालत बिगड़ी तो लोहिया संस्थान रेफर कर दिए गए। यहां मेडिसिन के डॉक्टरों ने देखकर कार्डियोलॉजी विभाग रेफर किया।
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता और एमएस डॉ. विक्रम सिंह के मुताबिक पेस मेकर लगाने के दौरान ही उनकी मौत हो गई। उन्हें हार्ट अटैक आया था।
इससे पहले सिविल अस्पताल में उनकी कोरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। विधायक जन्मेजय सिंह इससे पहले बसपा से भी विधायक रह चुके थे।
सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्यों को दी गई श्रद्धांजलि
इसके पहले विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही दिवंगत मंत्री कमल रानी वरुण, चेतन चौहान और मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे लालजी टंडन के अलावा वर्तमान व पूर्व दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शुक्रवार सवेरे 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सभी दलों के नेताओं ने पूर्व सदस्यों के साथ ही गलवां घाटी के शहीद सैनिकों व कोरोना से जंग में जान गंवाने वाले योद्धाओं को भी याद किया और दो मिनट का मौन रखकर सभी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सुबह सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही मुख्यमंत्री ने दो मंत्रियों समेत 17वीं विधानसभा के चार सदस्यों कमल रानी वरुण, चेतन चौहान, वीरेंद्र सिंह सिरोही और पारसनाथ यादव, मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे लालजी टंडन समेत 20 पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि कमल रानी व चेतन चौहान ने मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का अच्छी तरह निवर्हन ही नहीं किया, जन आकांक्षाओं का सम्मान भी किया। कमल रानी कानपुर नगर निगम में सभासद से लेकर दो बार लोकसभा की सदस्य भी रहीं। चेतन चौहान लोकप्रिय खिलाड़ी की तरह लोकप्रिय नेता भी थे।
गलवां घाटी के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सीएम ने कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश उनके शौर्य को हमेशा याद रखेगा।
उन्होंने शहीद सैनिकों के परिवारों तक सदन की संवेदनाएं पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में कोविड-19 की महामारी से जनहानि हुई हैं। कोविड के चलते कई चुनौतियां खड़ी हुई हैं।
इस दौरान चिकित्सक, चिकित्सा से जुड़े स्टाफ, पुलिस, सफाई कर्मचारी समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की जीवन को जोखिम में डालकर कर्तव्य निभाते हुए मृत्यु हो गई है। उन्होंने निस्वार्थ भावना के साथ असमय जीवन की आहूति देने वालों को श्रद्धांजलि दी।