आधे मानसून ने ही मचाई बाढ़ की तबाही, डूबने लगा मुख्यमंत्री का जिला

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गोरखपुर। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के शहर गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नेपाल के पानी छोड़े जाने की वजह से नदियां उफान पर हैं। राप्‍ती और र‍ोहिन नदी के किनारे पर बसे गांवों तक पानी पहुंच गया है।

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बारिश ने शहर के बाहरी हिस्‍सों के मोहल्‍लों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तर-पश्चिम 52 गांवों का शहर से संपर्क कटने का खतरा भी मंडरा रहा है।

रोहिन नदी जहां उफान पर है तो वहीं राप्‍ती नदी खतरे के निशान से मात्र 94 सेमी नीचे बह रही है। राप्‍ती का जलस्‍तर सोमवार को बर्डघाट पर 74.04 मीटर दर्ज किया गया। यहां पर खतरे का निशान 74.98 मीटर है। दक्षिण में सरयू तुर्तीपार में खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर बह रही है।

रविवार को जलस्‍तर 64.13 दर्ज किया गया, जबकि लाल निशान 64.01 पर है। इसके अलावा कुआनो और गोर्रा नदियां भी उफान पर हैं। नेपाल ने पानी छोड़कर अलग मुसीबत खड़ी कर दी है। ऐसे में प्रशासन की मुकम्‍मल तैयारियों के दावे पर सवालिया निशान लग गए हैं।

वैश्विक महामारी कोरोना के बीच लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के हालात ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। शहर से सटे राप्‍ती और रोहिन नदी के पास के गांव के खेतों और बाग में पानी भर गया है।

शहर के बाहरी छोर पर रहने वाले लोगों के लिए बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी बाढ़ मुसीबत का सबब बन रही है।