लखनऊ। इस समय तक देश सबसे के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विकास दुबे को मार गिराया गया है। कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में यह बड़ी पुलिसिया कार्रवाई है। विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम था।
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पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते समय विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। इस दौरान एनकाउंटर हुआ और वह मारा गया।
विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कानपुर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘5 लाख के इनामी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस और एसटीएफ टीम आज 10 जुलाई को कानपुर ला रही थी। कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। विकास दुबे और पुलिसकर्मी घायल हो गए।’
कानपुर पुलिस के मुताबिक, ‘इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की।
पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा। पुलिस ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की। इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया।’ वही इस मुठभेड़ में पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए हैं
पुलिस के अनुसार, घायल विकास दुबे को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान 5 लाख के इनामी विकास दुबे की मौत हो गई।
कानपुर पुलिस की ओर से अभी बयान जारी किया गया है. इस बाबत कोई भी पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है।
विकास दुबे का एनकाउंटर ठीक उसी तरह हुआ, जिस तरह गुरुवार को उसके साथी प्रभात मिश्रा का एनकाउंटर हुआ था।
पुलिस के मुताबिक, कार पंक्चर होने के बाद प्रभात मिश्रा ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी और जब पुलिस ने सरेंडर करने के लिए कहा तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया।
हालांकि इस एनकाउंटर को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। कई लोग इस एनकाउंटर को फर्जी एनकाउंटर बता रहे हैं। वही सोशल मीडिया का एक धड़ा इस एनकाउंटर पुलिस के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है।
दूसरी खबर दिल्ली से आ रही है कि विकास दुबे एनकाउंटर का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। विकास दुबे एनकाउंटर मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जा रही है।