1 जुलाई से खुल जाएंगे सरकारी प्राइमरी स्कूल, टीचरों का आना होगा अनिवार्य

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लखनऊ। कोरोना के संकट के बाद पहली बार सरकारी प्राइमरी स्कूल एक जुलाई से खुल जाएंगे। हालांकि अभी केवल शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को स्कूल आना होगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर दिया है।

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उन्होंने कहा है कि एक जुलाई से शिक्षक व प्रधानाध्यापक स्कूलों में मौजूद रह कर जरूरी काम पूरे करें। इसमें सबसे पहले शारदा अभियान के तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करना है।

दीक्षा ऐप के जरिए शिक्षकों को अपना प्रशिक्षण भी पूरा करना है। वहीं राज्य सरकार द्वारा विकसित आधारशिला, ध्यानाकर्षण और प्रशिक्षण संग्रह का प्रशिक्षण भी प्रस्तावित है। इसका प्रशिक्षण 20 जुलाई से खण्ड शिक्षा अधिकारी 25-25 शिक्षकों का बैच बना कर देंगे।

वहीं शिक्षकों को इस बीच बच्चों तक किताबें पहुंचाना और यूनिफार्म बनवाने का काम भी पूरा करना है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की नाप का यूनिफार्म बनाया जाता है। वहीं समर्थ ऐप के जरिए दिव्यांग बच्चों का नामांकन ऐप पर किया जाना है।

इसके लिए शिक्षकों को गांवों व मजरों में घूम कर ऐसे बच्चों को ऐप पर पंजीकृत करना है। इनके लिए शैक्षणिक योजना तैयार करना है। मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध ब्यौरों का सत्यापन और यू डायस डाटा को भी सही करने का काम इस बीच किया जाएगा।