गोरखपुर। गोरखपुर के छात्रसंघ चौराहे स्थित पैनेशिया हॉस्पिटल पर आज दिन में फिर पुराने विवाद को लेकर बवाल हो गया जिसके बाद पुलिस कई लोगों को कैंट थाने ले गयी। पूरा मामला भाजपा सांसद कमलेश पासवान को पैनेशिया अस्पताल का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बनाने को लेकर है। उसी को लेकर आज आमने-सामने हुए दो पक्षों के बीच तकरार के साथ ही झड़प और धक्का मुक्की भी हुई। दोनों ने एक-दूसरे पर अस्पताल पर कब्जे का आरोप लगाया। इस बीच सांसद पासवान भी मौके पर पहुंचे और मुखालफत करने वालों को समझाने की कोशिश की, मगर बात नहीं बनी। पुलिस ने दोनों पक्षों से आठ लोगों को 107/116 के तहत पाबंद किया है। मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मामले की सुनवाई होगी। वहीं देर रात डीएम ने अस्पताल को सील करवा दिया है।
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जानकारी के मुताबिक, पनेशिया हॉस्पिटल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। एक पक्ष से डॉ. प्रमोद तो दूसरी तरफ से विजय पांडेय हैं। अस्पताल अभी डॉ. प्रमोद कुमार की देखरेख में चल रहा है। डॉ.प्रमोद का दावा है कि 65 फीसदी हिस्सेदारी उनके पास है। अब अस्पताल का संचालन बेहतर हो, इस लिहाज से भाजपा सांसद कमलेश पासवान को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में जगह दी गई है। पासवान के पास पहले से अस्पताल चलाने का अनुभव है।
इसी दावे पर विजय पांडेय ने आपत्ति जताई। अस्पताल के बाहर आकर भाजपा सांसद को मनमाने तौर पर डायरेक्टर बनाने का आरोप लगाया। कहा कि सांसद को निदेशक बनाने का अधिकार डॉ. प्रमोद के पास नहीं है। इस बोर्ड में 13 लोग पहले से शामिल थे, जो कोई भी निर्णय ले सकते हैं। आरोप लगाया कि सांसद को गलत तरीके से डायरेक्टर बनाकर अस्पताल पर कब्जा किया गया है। अब किसी को घुसने नहीं दिया जाएगा।
इसी बात पर विजय पांडेय और डॉ. प्रमोद के पक्ष के बीच विवाद होने लगा। एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी गई। हंगामा और नोकझोंक के बीच सांसद भी आए। इससे चौराहे पर भीड़ जुट गई। मामले की सूचना पर कैंट इंस्पेक्टर रवि राय पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और कुछ लोगों को बलपूर्वक गाड़ी में बैठाकर थाने ले गए। दोनों पक्षों ने थाने में तहरीर दी है। वहीं डॉ प्रमोद ने आरोप लगाया कि उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ है, 35 हजार रुपये लूट लिए गए हैं।
इन्हें किया गया पाबंद विजय पांडेय, अमरेश राय, गोपाल, आनंद सिंह और दूसरे पक्ष से डॉ. प्रमोद, प्रणव वशिष्ठ व मुन्नी सिंह को पुलिस ने पाबंद करते हुए अस्पताल पर बिना फैसला हुए ना जाने की बात कही है।
वहीं इस मुद्दे पर सांसद कमलेश पासवान का कहना है कि अस्पताल पर कब्जे और किसी को धमकाने का आरोप निराधार है। डॉ. प्रमोद की 65 फीसदी हिस्सेदारी है, जिनकी सहमति से निदेशक बना हूं। अस्पताल डॉ. प्रमोद की देखरेख में ही चल रहा है, तो कब्जे का सवाल ही नहीं उठता। लंबे समय से अस्पताल जा रहा हूं। सोमवार को भी गया था। मामला अदालत में चल रहा है। विजय पांडेय अदालत में नहीं लड़ पाए तो विवाद करने अस्पताल पर आ गए। इस विवाद में मुझको घसीटना गलत है। अब अस्पताल अच्छे से चल रहा है।
दूसरी तरफ अस्पताल के संस्थापक सदस्य और डायरेक्टर बोर्ड डॉ. विजय पांडेय ने बताया कि सांसद कमलेश पासवान और उनकी पत्नी को डायरेक्टर की सूची में गलत तरीके से शामिल किया गया है। पुलिस प्रशासन सांसद के दबाव में काम कर रही है। सांसद अस्पताल आए और हम लोगों को धमकी देते हुए बाहर निकालने लगे। वे अस्पताल के अंदर ही रहे और हम लोगों को पुलिस थाने लेकर चली आई। मामले में निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए। जब तक कोर्ट का फैसला न हो, तब तक अस्पताल सील किया जाए। मुख्यमंत्री से मुलाकात करके अपनी बात कही थी। इसके बाद ही दोनों पक्षों को नोटिस देकर बुलाया गया था। मामले में सांसद का कृत्य समझ से परे है।
पूरे मुद्दे पर कैंट इंस्पेक्टर रवि राय का कहना है कि दोनों पक्ष के लोगों को पाबंद कर दिया गया है। अपर नगर मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्ष को मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट के यहां आने को कहा है। तब तक यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश हुआ है।