चीन से तनाव के बीच भारत बना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य, निर्विरोध हुआ चुनाव

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नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा विवाद और भारी तनाव के बीच भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य निर्विरोध चुन लिया गया है। एशिया-प्रशांत श्रेणी की सीट से भारत आठवीं बार गैर-स्थायी सदस्य बना है।

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बहुपक्षीय प्रणालियों में सुधार के लक्ष्य के साथ भारत इस कार्यकाल का बेहतर उपयोग करके एक स्थायी सीट के अपने दावे को आगे बढ़ा सकेगा। सीट के लिए दावेदार सात देशों में, भारत 2021-22 के लिए क्षेत्र से निर्विरोध था।

भारत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के एशिया-प्रशांत समूह का समर्थन प्राप्त करने वाला एकमात्र उम्मीदवार था और इस मुकाबले में कोई देश नहीं आया। 15 सदस्यीय परिषद में पांच अस्थायी सीट में से एक के लिए भारत का चुनाव किया गया है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में कुछ राजनयिकों ने इसके लिए काफी आंतरिक प्रयास किए हैं।

भारत को उम्मीद है कि विस्तारित सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट के लिए अपनी दावेदारी को आगे बढ़ाने के लिए वह अपने आठवें कार्यकाल का उपयोग करेगा। सुरक्षा परिषद के प्रत्येक नए सदस्य को दो तिहाई वोट जीतने की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि सभी 193 देशों के वोटों के अनुसार 128 वोट।

इसके लिए कई बार मतदान करना पड़ता है। सुरक्षा परिषद में वीटो-अधिकार वाले पांच बड़े देश ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के अलावा 10 गैर-स्थायी सदस्य हैं।

गौरतलब है कि भारत की उम्मीदवारी का पिछले साल जून में एशिया प्रशांत ग्रुपिंग के 55 सदस्यों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया था। इनमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल था। भारत के दृष्टिकोण से चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह के बदलाव से उसकी उम्मीदवारी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला था।