इस तरह दिल्ली से गोरखपुर पहुंचा कोरोना का पहला मरीज, यहां हुई लापरवाही

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गोरखपुर। पूरे विश्व में 30 लाख कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने के बाद भी गोरखपुर (Gorakhpur) प्रत्यक्ष संक्रमण से बचा हुआ था। लेकिन कल यानी 26 अप्रैल को ऐसा क्या हुआ कि गोरखपुर भी कोरोना (Corona infection In Gorakhpur) संक्रमित जिले के श्रेणी में आगया?

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असल में दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करने करने वाले बाबूलाल की तबीयत चार दिन पहले खराब हुई। उसके साथ दिल्ली में ही उरुवा क्षेत्र के दो और लोग रहते हैं। जिसमें असिलाभार गांव का सोनू भी शामिल है। तबियत खराब होने पर दोनों साथियों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। बाबलाल को सीने में दर्द की शिकायत रही।

शनिवार को सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। साथियों ने बाबूलाल को दिल्ली में दूसरे अस्पताल ले जाने की बजाय गोरखपुर लाने का फैसला किया और यहीं वो चूक कर बैठे जो पूरे गोरखपुर के लिए भारी पड़ सकती है।

दोनों साथियों ने लॉक डाउन में अन्य कोई साधन न मिलने के वजह से एम्बुलेंस की व्यवस्था की। बाबूलाल के साथ दोनों साथी भी दिल्ली से उसी एम्बुलेंस में लौटे।

एम्बुलेंस ने दोनों साथियों को उरुवा में उतारा। इसके बाद बाबूलाल को उसके घर दोपहर एक से दो बजे के बीच उतारा।

गांव वालों ने जैसे ही सुना कि दिल्ली से बाबूलाल को एम्बुलेंस से लाया गया है। गांव वालों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। गांव वालों ने मांग की कि बिना कोरोना जांच के बाबूलाल को गांव में न रहने दिया जाय। लेकिन किसी तरह मामला शांत हुआ।