94 कैदी पैरोल पर रिहा किये गए

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कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से मंडलीय कारागार में बंद 94 बंदियों को शनिवार की देर रात आठ हफ्ते के पैरोल पर रिहा कर दिया। सरकार से आदेश आने के बाद जेल प्रशासन ने देर शाम कोर्ट से अंतरिम जमानत लिया। जिसके बाद जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन से गाड़ी मंगाकर देर रात दस बजे पुलिस सुरक्षा में इन्हें इनके घर के लिए रवाना किया।

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प्रदेश की सभी जेलों में इस समय क्षमता से दोगुने बंदी और कैदी हैं। मंडलीय कारागार में भी क्षमता करीब 850 की है जबकि वर्तमान समय में करीब सत्रह सौ बंदी हैं। जिससे बंदियों में कोरोना फैलने का खतरा था।

जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देश के साथ ही प्रदेश के सभी जेलों से सात साल से कम सजा वाले कैंदियों, बंदियों और आदर्श बंदियों को पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद डीजी जेल ने सभी जेलों से ऐसे बंदियों और कैदियों की सूची मांगी थी।

गोरखपुर जेल प्रशासन ने कुछ दिनों पूर्व सात साल की सजा पा चुके 27 सजायाफ्ता कैदियों, सात साल से कम सजा के अपराध वाले आरोप में बंद 167 विचाराधीन बंदियों और हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे तीन आदर्श कैदियों (जिनकी उम्र साठ वर्ष से ज्यादा हो चुकी है) सुदामा, वंशबहादुर और शेषनाथ की सूची भेजी थी।

जिसके बाद शनिवार की दोपहर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के ग्यारह हजार बंदियों की घोषणा की थी। जिसमें गोरखपुर के 141 बंदियों को छोड़ने की अनुमति मिली। आदेश मिलने के बाद जेल प्रशासन ने कोर्ट से आठ सप्ताह के लिए इन बंदियों की अंतरिम जमानत मांगी।

देर शाम सात साल से कम सजा वाले अपराध के आरोप में बंद 93 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत मिल सकी। जिसके बाद जेल प्रशासन ने इन बंदियों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रशासन से गाड़ियां मांगी।