गोरखपुर में 93 साल से निकल रही है होलिका की झांकी
यूँ तो हमारे शहर गोरखपुर में धूमधाम से होली का त्योहार मनाया जाता है पर क्या आपको पता है कि होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन का जो कार्यकर्म किया जाता है वो कितने साल पुराना है? आइये हम आपको बताते हैं कि आखिर ये परम्परा कबसे चली आ रही है. शहर के पांडेयहाता में होलिका दहन को उत्सव को मनाने की 93 वर्ष पुरानी परंपरा है।
इसकी शुरुआत वहां के रहने वाले मोती लाल, कालीचरण, कलूट प्रसाद आदि ने 1927 में की। उत्सव मनाने के क्रम में होली से एक दिन पहले होलिका दहन के दिन यहां से विभिन्न देवी-देवताओं की झांकियों के साथ शोभा यात्रा निकाली जाती है।
इसमें होलिका और भक्त प्रहलाद की झांकी भी शामिल होती है। इसे संचालित करने वाली संस्था होलिका दहन उत्सव समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश पटवा बताते हैं कि शोभा यात्रा पांडेयहाता से निकलकर मदरसा चौराहा, घासीकटरा, बेनीगंज, अलीनगर, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक होते हुए नार्मल चौराहे पर आकर समाप्त होती है। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी से इस आयोजन की शोभा बढ़ती है।