सेवा फाउंडेशन एवं मसीहा वेलफेयर सोसाइटी के तत्वाधान में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

564

सेवा फाउंडेशन एवं मसीहा वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में एक राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन एक शाम गंगा जमुनी तहजीब के नाम का आयोजन सभागार सीआरसी सीतापुर आई हॉस्पिटल , गोरखपुर में किया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० नंदकुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगता चुनौतियों को कामयाबी के सफर का जो आपकी पहल है उसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है क्योंकि इंसान अपने मानसिक तौर पर दिव्यांग हो सकता है और शारीरिक तौर पर नहीं इसके कई उदाहरण मिलते हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एनके पांडे ने आयोजकों को सफल आयोजन के लिए बधाई दी और साथ ही साथ कहा की छुपी हुई प्रतिभा को अपना असर दिखाने का मौका मिलता है इस तरह के आयोजनों से इसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम होगी।

Advertisement

वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्व प्रसिद्ध शायर व संचालक डॉक्टर कलीम कैसर ने कहा कि नागफनी के जंगल में आपने गुलाब खिलाने का काम किया है इस आयोजन के माध्यम से जब लोग एक दूसरे से नफरत कर रहे हो ऐसे में हिंदी और उर्दू भाषाओं के लोग मिलकर के मोहब्बत की बात कर रहे हैं इससे बढ़कर क्या हो सकता है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए युवा शायर एवं समाजसेवी मिन्नत गोरखपुरी ने जैसे ही दिव्यांगता को चुनौती देते हुए पंक्तियां पढ़ी और कार्यक्रम की शुरुआत की लोगों ने खूब तालियां बजाई।
सारे रिश्तों का तमाशा देखते
आंखें होती तो ये दुनिया देखते
ठीक है आंखें नहीं हैं मेरे पास
वरना बस अपना प्रायः देखते
मिन्नत गोरखपुरी

इसी क्रम में……..
किसी के काम आ जाऊं यही ईमान रखता हूँ ,
बिखरूं फिर सिमट जाऊं यही उन्वान रखता हूँ ।
सदा ही साथ चलने की कसम खाई जो हमने है,
तेरी किस्मत बदल जाऊं यही अरमान रखता हूँ ।।
डॉ आर के राय “अभिज्ञ” ए परिंदे तेरे हौसले की क्या दाद दूँ,उड़ ले तेरा पूरा आसमान है ।

मगर सुन ले मुझमें पर नहीं हौसले हैं, उड़नें के लिए पूरा हिन्दुस्तान है।
सौम्या यादव

हौसलों में उड़ान रखते हैं।
हम भी इक मगर सुन ले मुझमें पर नहीं हौसले हैं, उड़नें के लिए पूरा हिन्दुस्तान है।
आसमान रखते हैं।
हमको माज़ूर न समझा जाए।
हम भी अपना जहान रखते हैं।
लाएब नूर