8 महीने में गोरखपुर से अपराध खत्म करने वाले एसएसपी का हुआ तबादला।

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गोरखपुर।

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लोकसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद पुलिस- प्रशासन के अफसरों पर गाज गिरने लगी है. चुनाव परिणाम के बाद से एसएसपी के तबादले की चर्चा हो रही थी. शनिवार की देर शाम ट्रांसफर लिस्ट जारी होते ही सारे कयास थम गए. प्रदेश के कई जिलों में जिला पुलिस प्रमुखों को बदलने के क्रम में शासन ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का तबादला पुलिस हेडक्वार्टर इलाहाबाद कर दिया. 2017 के जुलाई माह में गोरखपुर के एसएसपी का पदभार ग्रहण करते हुए आईपीएस अफसर सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कानून का काम किया. अपराधियों, माफियाओं, जमीन कब्जा करने वालों, सूद पर पैसा चलाने वाले, पब्लिक को डरा धमकाकर वसूली करने वालों और जेल से रंगदारी मांगने के मामलों में सख्त कार्यवाही की।

आमजन को इंसाफ दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं रही. गलत पैरवी को दरकिनार कर वह बेफिक्री से अपना काम करते रहे. एसएसपी की कार्यशैली से महकमे में गलत काम करने वालों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दरोगा और सिपाहियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर चलने वाली दलाली की दुकान भी बंद हो गई.

संभाली कुर्सी, दिखी कानून की हनक

बिहार, बक्सर के रोहतास निवासी सत्यार्थ अनिद्ध पंकज ने बीते साल के जुलाई माह में गोरखपुर एसएसपी का कार्यभार ग्रहण किया था. तभी चेताया था कि कानून तोडऩे वाले बख्शे नहीं जाएंगे. आठ माह के कार्यकाल में एक ईमानदार अफसर के रूप में सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज की छवि खूब निखरी. ताबड़तोड़ कार्रवाई से अपराधियों में हड़कंप मचा रहा. थानों और चौकियों पर मनमानी करने वाले पुलिस कर्मचारियों को हटाकर एसएसपी महकमे की आंखों में किरकिरी बन गए. लोक सभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद एसएसपी को हटाए जाने की चर्चा चल रही थी. कुछ लोगों ने हार के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था.