गोरखपुर जिले के 27 और कुशीनगर के 22 पुलिस वालों को मिलाकर कुल 49 पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा। शासन ने शुक्रवार देर शाम इस पर अंतिम मुहर लगा दी है। डीजीपी मुख्यालय ने इस संबंध में सभी एडीजी, डीआइजी व जिले के पुलिस कप्तान को पत्र लिखा था।
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जिसके मुताबिक 31 मार्च 2020 को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अक्षम और लापरवाह पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग कराए जाने के निर्देश दिए गए थे।
यह जिम्मेदारी एसएपी को सौंपी गई थी। जिले में 50 की उम्र पार कर चुके सिपाही, दारोगा व इंस्पेक्टर की स्क्रीनिंग के लिए एसपी व सीओ लाइन के नेतृत्व में कमेटी बनाई है।
स्क्रीनिंग के बाद जो पुलिसकर्मी अक्षम पाए जाएंगे, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति कर दिया जाएगा। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति का नियम कोई नया नहीं है।
समय-समय पर पुलिस विभाग में 50 की उम्र के बाद अक्षम होने पर स्क्रीनिंग के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाती रही है।
स्क्रीनिंग में अक्षम पाए गए 27 पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी है।
एक इंस्पेक्टर व दो दारोगा को रिटायर करने के लिए डीआइजी को रिपोर्ट भेजी गई है।
कार्रवाई की जानकारी संबंधित पुलिसकर्मी के साथ ही उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर जिले के 20 हेड कांस्टेबल और सात कांस्टेबल की रिपोर्ट साल 2019 में भेजी गई थी।
शासन की ओर से तीन महीने पहले फिर रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बाद दोबारा सूची भेजी गई। इसमें उन लोगों को शामिल किया गया था जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा थी, साथ ही उन पर भ्रष्टाचार या दूसरे आरोप थे।
एसएसपी जोगिंदर कुमार ने बताया कि जिले के 27 पुलिस वालों को सेवानिवृत्त करने की रिपोर्ट आ गई है। जिन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया है एक इंस्पेक्टर और दो दरोगा की रिपोर्ट और भेजी गई है।
जल्द ही उस पर भी फैसला आ जाएगा। उन्हें भी सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।
वहीं जबरन सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार केवल नीचे स्तर के कर्मचारियों को ही जबरन सेवानिवृत्त कर रही है।
उच्च अधिकारियों व नेताओं तथा मंत्रियों को 50 वर्ष पूर्ण कर चुके नेताओं को राजनीति से दूर क्यों नहीं रखा जा रहा है।
एक ही देश में दोहरी राजनीति क्यों अगर कर्मचारियों को 50 वर्ष पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त किया जा रहा है तो नेताओं व मंत्रियों को क्यों नहीं सेवानिवृत्त किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने मार्च 2020 में आदेश जारी किया था कि 50 वर्ष पूर्ण कर चुके तथा 20 वर्ष अपनी सेवा दे चुके दागी कर्मचारियों तथा जिनके खिलाफ शिकायती मुकदमे दर्ज होंगे उन्हें सेवानिवृत्त किया जायेगा।
लेकिन जबरन सेवानिवृत्त किए गए कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार हम कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है।
अगर हम लोगों को 50 वर्ष उम्र पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को सेवानिवृत्त जबरन किया जा रहा है तो उन दागी नेताओं को जिनके ऊपर मुकदमे चल रहे उन्हें भी 50 वर्ष पूर्ण कर लेने के बाद देश सेवा व समाज सेवा करने का मौका नहीं देना चाहिए उन्हें भी पंगु बना कर घर बैठा देना चाहिए।