गोरखपुर की 46 ग्राम पंचायतों का वजूद आज बुधवार को खत्म हो जाएगा।
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इसके बाद इनमें से कुछ पंचायतें नगर निगम में शामिल होकर गोरखपुर महानगर का हिस्सा बनेंगी तो कुछ पंचायतें नजदीकी नगर पंचायतों में वार्ड के रूप में शामिल हो जाएंगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने इन ग्राम पंचायतों के खाते में मौजूद धन का उपयोग करने का निर्देश दिया है। जितना धन खर्च नहीं हो पाएगा, उसे वापस करना होगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने 26 सितंबर को विकास भवन में इन ग्राम पंचायतों के सचिवों के साथ बैठक कर विकास कार्यों पर धन खर्च करने का निर्देश दिया था।
सीडीओ के निर्देश के बाद कई ग्राम पंचायतों में धन खर्च भी कर दिया गया है। पर, अभी भी कई ग्राम पंचायतों के खाते में बजट बचा है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बची धनराशि को जिला स्वच्छता समिति के खाते में जमा करने का निर्देश दिया गया है।
पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू होने के साथ ही गांवों में पंचायत चुनावों की सरगर्मी तेज हो गई है।
लेकिन, ये गांव इस माहौल से पूरी तरह दूर हैं। इस साल यहां प्रधानी का चुनाव नहीं होता है। नगर निगम या संबंधित नगर पंचायत के साथ वार्ड सदस्य का चुनाव कराया जाएगा।
इन गांवों में अब विकास कार्यों एवं साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम या नगर पंचायतों के जिम्मे होगी।
शहरी क्षेत्र में शामिल होंगी इन ब्लाकों की ग्राम पंचायतें
एक अक्टूबर से जो ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल होंगी वो इस प्रकार हैं।
चरगांवा ब्लॉक की आठ,
खोराबार की 11,
भटहट की दो,
पिपराइच की छह,
भरोहिया की आठ,
कैंपियरगंज की पांच ,
सरदारनगर की छह,
ये गांव होंगे शामिल
सिक्टौर तप्पा हवेली
रानीडीहा
खोराबार उर्फ सूबा बाजार
जंगल सिकरी उर्फ खोराबार
भरवलिया बुजुर्ग
कजाकपुर
बडगो
मनहट
गायघाट बुजुर्ग
पथरा
रानीबाग
गायघाट खुर्द
सेमरा देवी प्रसाद
गुलरिहा
मुडि़ला उर्फ मुड़ेरा
मिर्जापुर तप्पा खुटहन
करमहा उर्फ कम्हरिया
जंगल तिनकोनिया नंबर एक